साहित्यिक आयोजन : बंगीय साहित्य संस्था : ‘ शोनिवार – र – अड्डा ‘ : बैठक में उपस्थित हुए – स्मृति दास, शुभेंदु बागची, समरेंदू विश्वास, दुलाल समद्दार, प्रकाश चन्द्र मण्डल, सोमाली शर्मा, गोपाल शर्मा,आलोक कुमार चंदा और प्रदीप भट्टाचार्य
[ •बाएँ से – शुभेंदु बागची, गोपाल शर्मा, सोमाली शर्मा, स्मृति दत्ता, दुलाल समाद्दार, समरेंदू विश्वास, प्रकाश चंद्र मण्डल, आलोक कुमार चंदा और प्रदीप भट्टाचार्य ]
भिलाई [इंडियन कॉफी हाउस : भिलाई निवास : 8 जुलाई 2023] : प्रवासी बांग्लाभाषी द्वारा गठित साहित्यिक समिति बंगीय साहित्य संस्था प्रति शनिवार को कॉफी के साथ साहित्यिक विचार – विमर्श के लिए एकत्रित होते हैं, जिसका नाम है शोनिवार – र – आड्डा
आज के बैठक की अध्यक्षता बांग्ला की सुप्रसिद्ध लेखिका व कवयित्रि श्रीमती स्मृति दत्ता ने की. साहित्यिक विचार विमर्श के पहले जमशेदपुर टाटानगर के लेखक एवं ‘ मध्यबलय ‘ पत्रिका के सदस्य संदीप कुमार दास के आकस्मिक निधन होने पर उन्हें 2 मौन मिनट विनम्र श्रद्धांजलि उपस्थित सदस्यों द्वारा दी गई. ‘ मध्यबलय ‘ पत्रिका के संपादक दुलाल समाद्दार ने स्व. संदीप कुमार दास के रचनाधर्मी के बारे में बताया.
[ •सदस्यों द्वारा संदीप कुमार दास को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए… ]
दुलाल समाद्दार ने ‘ मध्यबलय ‘ पत्रिका के बारे में बताते हुए कहा – मध्यबलय पत्रिका को इस वर्ष ‘ बासभूमि ‘ और ‘ शिल्प साहित्य ‘ पुरुस्कार से सम्मानित किया गया. ‘ मध्यबलय ‘ पत्रिका को इसके पूर्व ‘ साहित्य सेतु ‘ और ‘ लिटिल मैग्जिन ‘ पुरुस्कार प्राप्त हो चुका है, ये बांग्ला साहित्यकारों के लिए गौरव की बात है.
•साहित्यिक विचार – विमर्श : कविता पाठ का संचालन बांग्ला और हिंदी के कवि लेखक व नाट्यकार प्रकाश चंद्र मण्डल ने करते हुए सादर आमंत्रित किया…
सोमाली शर्मा –
बृष्टि शब्द….
दुलाल समाद्दार –
आमी जाके भालो बासी….
प्रकाश चंद्र मण्डल –
मोन केनो एतो कोथा बोले..
प्रदीप भट्टाचार्य –
प्रदीप भट्टाचार्य द्वारा रचित दो हिंदी कविता [ दम्भ और अंतहीन प्रतीक्षा ] को बांग्ला में अनुवाद किया था , बांग्ला के सुप्रसिद्ध कवि गोविंद पाल ने. दोनों कविता को बांग्ला में दुलाल समाद्दार और प्रकाश चंद्र मण्डल ने पाठ किया.
आलोक कुमार चंदा –
आलोक कुमार चंदा ने कहा ‘ बंगीय साहित्य संस्था ‘ का आज सदस्य बनकर मुझे खुशी की अनुभूति हो रही है. आप सबके सानिध्य में रहकर लिखना पढ़ना भी शुरू कर दूंगा.
गोपाल शर्मा –
गोपाल शर्मा और सोमाली शर्मा ने भी आज ‘ बंगीय साहित्य संस्था ‘ की सदस्यता ग्रहण की. इस अवसर पर गोपाल जी ने बांग्ला में एक छोटी किंतु उत्कृष्ट रचना ‘ अतीत ‘ पढ़कर सुनाया.
समरेंदू विश्वास –
काठ सुंदरी…
शुभेंदु बागची –
शुभेंदु बागची ने एक हिंदी कविता ‘ रंग ‘ का पाठ किया.
बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्रीमती स्मृति दत्ता ने ‘ आड्डा ‘ का विस्तृत रूप से विश्लेषण किया.
[ •सभापति स्मृति दत्ता ‘ आड्डा ‘ शब्द के बारे में विश्लेषण करते हुए… ]
आज के साहित्यिक ‘ आड्डा ‘ का आभार व्यक्त ‘ बंगीय साहित्य संस्था ‘ के महासचिव शुभेंदु बागची ने किया.
[ •आभार व्यक्त करते हुए शुभेंदु बागची ]
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