कुम्हारी पुलिस की सफलता, 11 सालों बाद मिली खेम बाई
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता।
कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता।
तमाम शहर में ऐसा नहीं ख़ुलूस न हो,
जहाँ उमीद हो इस की वहाँ नहीं मिलता।
– निदा फ़ाजली
बन प्रसाद रेवा की कहानी किसी फिल्म स्क्रिप्ट की तरह रोमांचक है। वह बागबाहरा, जिला महासमुंद का निवासी है। वर्तमान में वह हरियाणा ईंट भट्टा अकोला में मजदूरी कर कमाता-खाता है। बात सन् 2009 की है। उसकी पत्नी खेम बाई बिना बातये कही चली गयी। अपने स्तर पर उसने काफी खोजबीन की। उसे कहीं से पत्नी का पता नहीं चल पा रहा था। थक हारकर उसने कुम्हारी पुलिस थाना में पत्नी की गुमशुदगी का रिपोर्ट दर्ज करा दिया।
कुम्हारी पुलिस ने गुम इंसान क्रमांक 14/2009 दर्ज कर इस मामले में पता साजी में भीड़ गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देशन में कुम्हारी थाना प्रभारी आशीष यादव ने गुमशुदा महिला की तलाश में ठेकेदारों व मजदूरों से लगातार संपर्क करते रहे। अंततः उनकी मेहनत रंग लाई। उन्हें महिला के रेवा गांव में होने की सुखद सूचना मिली। उन्होंने कुम्हारी थाना से प्रधान आरक्षक क्र. 1177 बल्लू राम सपहा व आरक्षक क्र. 648 बंटी सिंह को रेवा गांव, थाना बागबाहरा, जिला महासमुंद जाने के लिए निर्देश दिया।
दोनों 11 नवंबर 2020 को निर्दिष्ट स्थल पहुँचकर आखिर गुम महिला खेम बाई पति बेन प्रसाद उम्र 31 वर्ष निवासी अकोला को सही सलामत बरामद करने में सफल हो गई। कुम्हारी पुलिस ने औपचारिकता पूरी कर उक्त महिला को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
इस अनोखे सुखांत मामले में श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय दुर्ग प्रशांत ठाकुर के कुशल निर्देशन के साथ ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग शहर रोहित झा व नगर पुलिस अधीक्षक छावनी विश्वास चंद्राकर ने सक्रिय से रूप से पतासाजी का अभियान कुम्हारी पुलिस के लिए मददगार साबित हुआ।
11 साल बाद गुम महिला खेम बाई को पुलिस द्वारा सफलता पूर्वक खोजना सोशल पुलिसिंग का शानदार उदाहरण है. बधाई कुम्हारी पुलिस और बधाई ऊर्जावान थाना प्रभारी आशीष यादव!
- रिपोर्ट-
- सुरेश वाहने
【संवाददाता, छत्तीसगढ़ आसपास, कुम्हारी-भिलाई】