आयोजन, झलकारी बाई जयंती
अखिल भारतीय कोली समाज छत्तीसगढ़ प्रदेश एवं कोली बुनकर समाज कल्याण समिति छत्तीसगढ़ प्रदेश पदाधिकारियों के द्वारा भिलाई में 1857 क्रांति की महान वीरांगना एवं झांसी की रानी की महिला सेनापति जिन्होंने स्वतंत्रा संग्राम के युद्ध में रानी झांसी के कंधे से कंधा मिलाकर अंग्रेजों से युद्ध लड़ा इतिहासकारों के अनुसार झलकारी बाई का जन्म साधारण कोरी जाति के परिवार में बुंदेलखंड के भोजला गांव में हुआ था तथा उनकी बहादुरी के किस्से जब रानी झांसी की कानों में पड़े तो उन्होंने झलकारी बाई को अपनी सेना में शामिल कर लियाबाद में वह झांसी की रानी की विश्वासपात्र बनी और उनके हर निर्णय में सहभागी बनी स्वतंत्र संग्राम के युद्ध में जब झांसी की रानी अंग्रेजों से घिरने लगी तब उन्होंने झांसी की रानी का भेष रखकर अंग्रेजों से युद्ध किया और रानी झांसी को गुप्त द्वार से ग्वालियर के लिए रवाना कर दिया इस प्रकार लगातार अंग्रेजों से लोहा लेती रही और अंत में अपना बलिदान दिया बुंदेलखंड मैं झलकारी बाई के वीरता के किस्से हर जगह प्रचलित है भिलाई में उनकी याद में हर बार झलकारी बाई की जयंती मनाई जाती है इस बार समाज के अध्यक्ष टी आर शाक्य के निवास वीआईपी नगर मैं रखी गई कोरोना महामारी के कारण कम लोगों के बीच पूरा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इस कार्यक्रम को मनाया गया साथ ही लोगों को मास्क वितरण भी किया गया आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से टी आर शाक्य, श्रीमती गीता लाल, मनोहर लाल, एच एन टंकोरिया, राम जी कोरी, ए आर शाक्य, दमयंती शाक्य, भागीरथ मेहरिया, हेमंत लाचोरिया, डी पी कबीरपंथी, विवेक शाक्य, जानकी कोरी, खेमवती शाक्य आदि थे