ब्रेकिंग न्यूज़, कोरबा-पाली, करामात……!तत्कालीन व वर्तमान सरपंच को पता नही और गौठान निर्माण की स्वीकृति मिलने से पहले ही कागजों में हो गया लाखों का बोर खनन, फेंसिंग व पौधारोपण का कार्य
कोरबा/पाली:- इसे करामात नही तो और क्या कहेंगे कि जिस ग्राम पंचायत में गौठान निर्माण की स्वीकृति अभी तक मिली ही नही वहाँ गौठान स्थल पर बोर खनन, फेंसिंग एवं पौधारोपण कार्य कराए जाने के नाम पर 14वे वित्त व मनरेगा मद से लाखों की राशि आहरित हो गई।इस करामात भरे खबर में मजेदार बात तो यह है कि तत्कालीन व वर्तमान सरपंच को उक्त भारी- भरकम राशि आहरण के बारे में कुछ भी ज्ञात नहीं।अब वर्तमान व तत्कालीन सरपंच भी अचंभित है कि उनके बगैर जानकारी के लाखों की राशि आखिर आहरित कैसे हुई।
पाली विकासखण्ड के अंतर्गत बीहड़ वनांचल एवं अंतिम सीमा पर स्थित ग्राम पंचायत रतखंडी जहाँ वर्तमान में बाबूलाल धनुहार सरपंच निर्वाचित है इसके पहले श्रीमती सरस्वती देवी यहाँ की सरपंच थी।इस पंचायत में प्रशासनिक तौर पर गौठान निर्माण की स्वीकृति अभी तक नही मिली है किंतु 2020- 21 में पंचायत चुनाव में लागू आदर्श आचार संहिता के दौरान 14वे वित्त मद से गौठान में फेंसिंग कार्य के नाम पर 2 लाख 50 हजार एवं बोर खनन व मशीन स्थापना के नाम पर 2 लाख की राशि आहरित की गई इतना ही नही गौठान में मनरेगा के तहत वृक्षारोपण कराए जाने के नाम पर भी 72 हजार 7 सौ 13 रुपए निकाल लिए गए है।वहीं वर्तमान सरपंच बाबूलाल के कार्यकाल के दौरान भी बीते सितंबर माह में गौठान कार्य के लिए सामाग्री क्रय किये जाने के नाम पर पुनः 50 हजार 1 सौ 60 रुपए की राशि 14वे वित्त से आहरण किया गया है।गौठान निर्माण की स्वीकृति मिलने से पहले ही गौठान स्थल पर वृक्षारोपण, बोर मशीन स्थापना व फेंसिंग कार्य के नाम पर साढ़े पांच लाख से भी अधिक की राशि आहरण किया जाना मिलीभगत व बंदरबांट की ओर इशारा करता है क्योंकि संबंधितों के बिना संरक्षण यह कार्य संभव नही माना जा रहा है।जब तत्कालीन व वर्तमान सरपंच से बिना कार्य कराए इतने भारी- भरकम राशि आहरण के बारे में जानकारी चाही गई तब एक पल के लिए वे दोनों भी अचंभित रह गए और उक्त राशि आहरण के बारे में उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की तथा केवल इतना जरूर बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान उनका डिजिटल हस्ताक्षर (डीएससी) सचिव चंद्रिका प्रसाद तंवर अपने पास रखता था।जो पंचायत मद की राशि गबन मामले को लेकर कुछ सप्ताह पूर्व निलंबित हुआ है तथा जिस पर शासकीय राशि की वसूली लंबित है।फिलहाल यह गहन जांच का विषय है कि लाखों की राशि बिना कार्य के आखिर कैसे निकाली गई…?इस पंचायत के तत्कालीन सरपंच के कार्यकाल में निलंबित सचिव द्वारा मिलकर पांच साल तक कैसे वर्षवार एक ही कार्य के नाम पर 14वे वित्त एवं मूलभूत की राशि का जमकर दुरुपयोग किया गया, खबर के माध्यम से पूरे मामले को भी सामने लाया जाएगा।
●बसन्त सचदेव
●ब्यूरो प्रमुख,छत्तीसगढ़ आसपास