गुजरात आसपास, पैसे पेड़ पर नहीं लगते, अब पैसे पेड़ पर लग सकते हैं- प्रो.गौरव लोढ़ा
●एक्सप्लोरिंग न्यू पेरादिग्म इन द ग्लोबल इकानामी विद क्रिप्टो करेंसी विषय पर ऑन लाईन वेबिनार
●मुख्य वक्ता कॉमर्स के प्रख्यात प्रो.गौरव लोढ़ा
वड़ोदरा स्थित पारूल विष्वविद्यालय में संचालित फेकल्टी ऑफ आर्टस, पारूल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्टस के तहत संचालित डिपार्टमेंट ऑफ इकॉनोमिक्स की ओर से 19 दिसम्बर को सुबह 10 से 11 बजे तक एक्सप्लोरिंग न्यू पेरादिग्म इन द ग्लोबल इकॉनामी विद क्रिप्टो करेंसी विषय पर ऑन लाईन वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता कामर्स के प्रख्यात प्रो. गौरव लोढ़ा ने प्रतिभागियांे को सम्बोधित किया। वेबीनार में उन्होंने क्रिप्टो करेंसी की परिभाषा दी एवं इसे डिजिटल करेंसी एवं डिजिटल असेस्ट बताया। डॉ. लोढ़ा ने ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी, क्रिप्टोकरेंसी की एडवानटेज एवं डिस एडवान्टेज के बारे में बताया। उन्होंने फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन के क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट के दौरान लगे नुक्सान एवं फायदे के बारे में जिक्र किया। उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी के इतिहास, मार्डन क्रिप्टोकरेंसी, मेकेनिज्म एंड प्लेटफॉर्म, ब्लाकचैन तकनीक, प्रोसेस ऑफ ब्लाक चैन, स्कॉप एंड एसेप्टेबिलिटी, क्रिप्टोकरंेसी के प्रकार, इमेरजेंस ऑफ ए बिजनेस इकोसिस्टम, क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री सेक्टर, लिगल एसपेक्ट ऑफ क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉईन वॉलेट एडफस ग्रोथ, क्रिप्टो एक्सचेंज यूजर ग्रोथ, टोटल क्रिप्टो एक्सचेंज वोल्यूम, लिमिटेषन ऑफ क्रिप्टोकरेंसी एवं इसके ग्लोबल इकॉनोमिक पर प्रभाव एवं क्रिप्टोकरेंसी में बिटकॉइन, लाईटकोईन, रिपल, इथेरियम, डॉजिकाईन सहित के बारे में विस्तार से बताया।
वेबीनार के आरंभ में पारूल विष्विद्यालय के डीन, फेकल्टी ऑफ आर्टस, प्रिंसिपल पारूल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्टस एवं प्रोफेसर जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेषन, प्रो. डॉ. रमेष कुमार रावत ने स्वागत उद्बोधन के माध्यम से प्रो. गौरव लोढ़ा का स्वागत किया। इसके साथ ही असिस्टेंट प्रोफेसर जय भट्ट ने प्रो. लोढ़ा का परिचय दिया।
वेबीनार में पारूल इस्टीट्यूट ऑफ आर्टस के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजेंद्र परमार, अचलेंद्र कटियार, गोपीशाह, भौतीक पटेल, इषानी इस्मीता पटेल, भूमिका दवे, पुनित पाठक, मिहिर कुमार सेठ, रेवती यादव सहित पारूल विष्वविद्यायल के विद्यार्थियों सहित हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, अरूणाचल प्रदेष, उत्तर प्रदेष, मध्यप्रदेष, दिल्ली, महाराष्ट्र, जम्मू कष्मीर, तमीलनाडूं, केरल, मणिपुर, मिजोरम, गोहाटी, आसाम, सहित देष के विभिन्न राज्यों से करीब 400 प्रतिभागीयों, विद्यार्थी, षिक्षक, शोधार्थी ने भाग लिया। वेबीनार के अंत में प्रो. लोढ़ा ने प्रष्नोत्तरी के माध्यम से प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं को शांत किया।