बस्तर आसपास
●माओवादियों ने बस्तर पुलिस पर लगाया आरोप
●पुलिस पर फ़र्ज़ी मुठभेड़, फ़र्ज़ी गिरफ्तारी और फ़र्ज़ी आत्मसमर्पण कराने का आरोप लगाया.
छत्तीसगढ़ । दन्तेवाड़ा । माओवादियों के दक्षिण सब जोनल कमेटी के ब्यूरो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। और उसने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में पुलिस पर फर्जी मुठभेड़, फ़र्ज़ी गिरफ्तारी और फ़र्ज़ी आत्मसमर्पण कराने का आरोप लगाया है। साथ ही बीजापुर पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप, दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव और बस्तर आईजी पी सुंदरराज पर माओवादी संगठन के खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि डीआरजी के जवान हाट बाजारों में जाते हैं और ग्रामीण लोगों को पैसे का लालच देकर उन्हें नक्सली बनाकर आत्मसमर्पण करवाते हैं। साथ ही भोले-भाले ग्रामीणों को फोन नंबर व अन्य चीजों का लालच देखकर उन्हें मुखबिर बनाया जा रहा है। उसने अपनी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि केंद्र और राज्य सरकार माओवादी उन्मूलन के नाम पर आदिवासियों का उन्मूलन कर रही है।
प्रदेश की कांग्रेस पार्टी की भूपेश सरकार रमन सिंह की सरकार के नक्शे कदम पर चल रही यही है। भूपेश सरकार बस्तर के जल, जंगल व जमीन को बेच कर यहाँ के भोले भाले आदिवासियों को ठग रही है। व यहां की औद्योगिक सम्पदा को पूजीपतियों के हाथों बेच रही है। उन्होंने कहा कि बैलाडीला के एनएमडीसी में यहां के लोगों को रोजगार ना देकर बाहरी लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। और वहां का बेशकीमती लोहा सरकार पूजीपतियों को कौड़ी के भाव में बेच रही है। उसने राज्य और केंद्र सरकार की शिक्षा नीति पर भी सवाल उठाये है। वर्तमान शिक्षा नीति कमजोर है और सरकारे इस प्रकार की शिक्षा नीति से शिक्षा का प्राइवेटी कारण करना चाहती है। राज्य सरकार ने राज्य के 3000 स्कूलों को बंद कर दिया है जिससे बच्चों को पढ़ाई से वंचित होना पड़ रहा है। साथ ही कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई से आदिवासी बच्चे व गरीब बच्चों को नुकसान हो रहा है वो बच्चे सुविधाओं के आभाव में ऑनलाइन पढ़ाई नही कर पा रहे है । और पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं। जो बेरोजगारी को बढ़ावा दे रही है। सरकारों की नई शिक्षा नीति सिर्फ बेरोजगारी को बढ़ावा दे रही है इससे आदिवासी बच्चों का भला नहीं होने वाला है।
【 ●शहनवाज़ खान,बस्तर हेड,’छत्तीसगढ़ आसपास’, ●प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल, न्यूज़ ग्रुप समूह,रायपुर,छत्तीसगढ़. 】