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महामारी के चलते इतने लाख से भी अधिक लोगों को जिंदा जला दिया गया था, इस द्वीप को मानते हैं डरावना
भारत समेत दुनिया के कई देश इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं. कोरोना की एक और लहर आने की आशंका जताई जा रह है. इस बीच वैक्सिनेशन को लेकर भी सरकारें गंभीर है. देश में बूस्टर डोज और बच्चों के वैक्सिनेशन की भी शुरुआत हो गई है. नई लहर की आशंका पर पाबंदियां भी लागू की जा रही हैं. कुल मिलाकर इस महामारी से निपटने के लिए तमाम जरूरी उपाय किए जा रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी एक महामारी के चलते डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को जिंदा जला दिया गया था? यह पढ़ते हुए आपको आश्चर्य लग रहा हो, लेकिन यह सच है.
जी हां, यह रहस्यमय कहानी है, एक द्वीप की, जिसका नाम है- Poveglia Island. यहां फैली एक महामारी के कारण लोगों को जिंदा जला दिया गया था. दरअसल, दुनियाभर में ऐसी कई जगहें हैं, जिनके रहस्यों को सुलझाया नहीं जा सका है. ऐसे कई आईलैंड हैं, जहां के बारे में कई तरह की कहानियां बताई जाती हैं, जिनमें से कुछ तो डराती भी हैं, वहीं कुछ आश्चर्यचकित कर देती हैं. ऐसी ही कहानी है Poveglia Island की. तो आइए आपको बताते हैं कि वहां ऐसा क्या हुआ था कि लोगों को जिंदा जला दिया गया.
एक की रिपोर्ट के अनुसार, इटली के वेनिस और लिडो के बीच वेनेशियन खाड़ी में स्थित है, Poveglia Island. यह घटना है, 16वीं शताब्दी की, जब इटली में प्लेग महामारी फैली थी. दिन ब दिन महामारी विकराल होती जा रही थी, लगातार लोगों की मौतें हो रही थीं. ऐसे में सरकार की चिंता बढ़ती जा रही थी. तेजी से बढ़ती जा रही इस महामारी का उपाय क्या किया जाए, कुछ समझ में नहीं आ रहा था. बीमारी के और ज्यादा फैलने की इसी चिंता को कम करने के लिए सरकार ने इस द्वीप पर रहने वाले करीब 1 लाख 60 हजार लोगों को जिंदा जला देने का आदेश दिया गया. इतना ही नहीं सरकार ने मारे गए लोगों को इसी द्वीप पर दफनाने का भी आदेश दे दिया था.
बहुत सारे लोग इस द्वीप को डरावना मानते हैं. वहीं स्थानीय लोग भी इसे शापित आइलैंड मानते हैं. खबरें तो ऐसी भी आई हैं कि यहां जलाकर मारे गए लोगों की आत्माएं आज भी भटकती हैं. बहुत सोर लोगों ने तो इस द्वीप पर आत्माओं को महसूस करने और अजीब-अजीब आवाजें सुनने का दावा किया है. हालांकि विज्ञान इन बातों को नहीं मानता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस आइलैंड पर बाद में मानसिक रोगियों के लिए एक अस्पताल भी बनाया गया. हालांकि इस अस्पताल को भी कुछ कारणों से 1960 के दशक में बंद कर दिया गया. इसके बाद तो यहां लोग जाने के नाम से ही कतराने लगे. बताया जाता है कि इस आइलैंड पर 100 के आसपास परिवार रहते होंगे. हालांकि किसी बाहरी का आना-जाना मना है. 7 साल पहले ऐसी खबरें आई थीं कि इटली ने कर्ज चुकाने के लिए इस द्वीप को बेचने की पेशकश की और इटली के किसी बिजनेसमैन ने इस द्वीप को खरीदा भी था.
16वीं शताब्दी में इस द्वीप पर प्लेग महामारी फैली थी. बाद में यहां काला बुखार नाम की बीमारी भी फैली. लगातार महामारी फैलने के बाद सरकार ने कारण जानना चाहा. वैज्ञानिकों ने भी यहां के रहस्य को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कामयाबी हाथ नहीं लगी. कहा तो यह भी जाता है कि यहां बाहर से जाने वाला शख्स लौटकर नहीं आता है. इस द्वीप की गिनती दुनिया की डरावनी जगहों में होती है. इटली की सरकार ने इस आईलैंड पर आने-जाने के लिए रोक लगा दी है. इटली की सरकार ने इस द्वीप पर पर्यटकों की एंट्री को बैन कर रखा है.