सावन के महीने में भूलकर भी न खाएं यह सब्जी वरना सेहत हो सकती है खराब.
सावन के महीने में वह सभी साग-सब्जियां मिलती हैं, जो अन्य दिनों में मिलती हैं। ऐसे में हमें सबकुछ नहीं खाना चाहिए। श्रावण या सावन मास में कुछ खास चीजें बिल्कुल नहीं खाई जाती हैं। इस बरसते-गरजते मौसम में कुछ फल-सब्जियों को नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इन सब्जियों में इस समय विषैलापन बढ़ जाता है जो सेहत के लिए ठीक नहीं होता।
दरअसल श्रावण के दौरान वर्षा ऋतु पूरे शबाब पर होती है। सूर्य की धूप कम होती है, जिसके चलते पाचन में मदद करने वाले एंजाइम पनप नहीं पाते हैं। खास तौर पर पेप्सिन और डाइसेटस 37 डिग्री पर एक्टिव रहते हैं। बरसात में चातुर्मास या चौमास के समय तापमान कम होने से इनकी एक्टिविटीज कम हो जाती है। दूसरी ओर बीमारियां भी इसी समय बढ़ जाती हैं। व्रत में खाए जाने वाले फ्रूट्स विशेषकर पपीते में पेप्सिन बॉडी को मिलता है।
मौसम की संधि या ऋतु परिवर्तन के समय शरीर मौसम परिवर्तन को जल्द स्वीकार नहीं कर पाता है, इसलिए ऋषि-मुनियों द्वारा इन दिनों व्रत रखने की परंपरा शुरू की गईं। दूसरी ओर व्रत रखने से शरीर को स्वास्थ्यवर्धक और सात्विक आहार मिलता है, जो इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को मजबूती देता है।
– बरसात में पालक, मेथी, लाल भाजी, बथुआ, बैंगन, गोभी, पत्ता गोभी जैसी सब्जियां नहीं खानी चाहिए। इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण यह है कि बरसात में इनसेक्ट्स की फर्टिलिटी बढ़ जाती है। कीड़े-मकोड़े अधिकाधिक पनपने लग जाते हैं। ये पत्तेदार सब्जियों के बीच तेजी से पनपते हैं। इसलिए बारिश के मौसम में पत्तेदार और कुछ विशेष साग नहीं खाना चाहिए।
– इन दिनों जो लोग कम खाते हैं, उनका शरीर ज्यादा समय तक फिट रहता है, वहीं ज्यादा खाने से ढल जाता है। उपवास करने से शरीर आरंभ में परेशान होता है, लेकिन वक्त के साथ उसे भूखे पेट रहने की आदत पड़ जाती है।
– इन दिनों कैंसर के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में उपवास वाले दिन सात्विक भोजन करने, प्याज-लहसुन और मांसाहर से परहेज करने और सिर्फ फलों का ज्यादा सेवन करने से आप न सिर्फ स्वस्थ रहते हैं, बल्कि कैंसर की आशंका भी कम हो जाती है। उपवास करने से जीवन लंबा हो सकता है, क्योंकि डायबीटीज और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है। साथ ही व्रत करने वाले काफी हल्का भी महसूस करते हैं।
– व्रत रखने से शरीर में ऐसे हॉर्मोन निकलते हैं, जो फैटी टिश्यूज़ को तोड़ने में मदद करते हैं, यानी आपका वजन कम हो सकता है। रिसर्च में भी यह बात साबित हो चुकी है कि शॉर्ट टर्म फास्टिंग यानि कुछ समय के लिए उपवास रखने से शरीर का मेटाबॉलिज्म तेजी से बढ़ता है जिससे वेट लॉस में मदद मिलती है।
– व्रत रखने से शरीर शुद्ध होता है। शरीर से जहरीले तत्व बाहर निकलते हैं, बशर्ते आप व्रत के दौरान फल और सब्जियों का सेवन ज्यादा करें। आयुर्वेद के अनुसार, व्रत रखने से शरीर में जठराग्नि बढ़ती है। इससे पाचन बेहतर होता है। इससे गैस की समस्या भी दूर होती है।
– व्रत हमारे शरीर को हल्का रखता है। हल्के शरीर से मन भी हल्का रहता है और दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है। व्रत पूरी सेहत पर सकारात्मक असर डालता है।