■75 भारत अमृत महोत्सव पर विशेष : ■ललित पाल सिंह अर्कवंशी.
●15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस.
-ललित पाल सिंह अर्कवंशी.
[ हरदोई,उत्तरप्रदेश ]
प – परतन्त्रता में जकड़ा था,मेरा प्यारा देश।
न् –न्याय नही था,था सिर्फ अंग्रेजों का आदेश।।
द्र – द्रश्य गुलामी का देखकर, कांप उठा हूँ आज।
ह – हमे चाहिए आजादी ,उठी थी एक आवाज।।
अ – असम्भव सा लगता था, आज़ादी का सपना।
ग – गम के बादल छटेगें कैसे, कब होगा देश अपना।।
स् – स्वतन्त्र भारत को करना,था बड़ा चुनौती पूर्ण।
त – तड़फता था कृत्यों से उनके,ये भारत सम्पूर्ण।।
स् – स्वयं फूट डाल लोगों में ,देश की थी बर्वादी।
व –बना रहे गुलाम देश यह ,न मिले इसे आजादी।।
तं – तंग होकर महापुरुषों ने, अंग्रेजों को ललकारा।
त्र – त्रण भर पीछे नहीं हटेंगे, है भारत देश हमारा।।
ता – ताकत ऊर्जा जोश भर दिया, लोगों में था सबने।
दि – दिखता था अंग्रेजों को, भारत की सुन ली रव ने।।
व – वक्त बदला देश का ,15 अगस्त1947 के बाद।
स – सपना पूर्ण लहराया तिरंगा, हुआ देश आजाद ।।
●कवि संपर्क-
●97926 85856
■■■ ■■■