■’स्वयंसिद्धा’ के ऑनलाइन गायन एवं नृत्य प्रतियोगिता में पूरे भारत से 250 से अधिक महिलाओं ने भाग लेकर बनाया रिकॉर्ड.
♀ ‘स्वयंसिद्धा’ द्वारा ‘मानसून फिएस्टा’.
♀ संस्था की डायरेक्टर हैं, डॉ. सोनाली चक्रवर्ती.
♀ निर्णायक थे- पल्लवी घटक, अमित दे,शुकतारा भट्टाचार्य, अनिल बल्लेवार एवं कमलेश राजा,डॉ. राखी राय, रोशन घड़ेकर,रितुपर्णा सेनगुप्ता,डॉ. सुचित्रा शर्मा.
स्वयंसिद्धा द्वारा अगस्त माह में आयोजित “मानसून फिएस्टा” में मानसून क्वीन में 70 महिलाओं के भाग लेने के पश्चात गायन प्रतियोगिता में 125 महिलाओं ने भाग लिया। प्रतियोगिता 3 चरणों में संपन्न हुई ।
सावन के फिल्मी गीत ,गैर फिल्मी गीत एवं भारत के अलग-अलग प्रदेशों के लोकगीत ।
पूरे देश के कई शहरों जैसे जमशेदपुर,बर्नपुर ,नैनीताल, गोवा,हुबली(कर्नाटक), मुंगेली ,रायगढ़, राजनांदगांव ,रायपुर, दुर्ग, भिलाई,जबलपुर, जगदलपुर आदी से महिलाओं ने भाग लिया।
संस्था की डायरेक्टर
डॉ. सोनाली चक्रवर्ती ने बताया कि -“यह एक थेरेपी है ।मध्य आयु आते ही महिलाओं में मिडलाइफ क्राइसिस शुरू होती है। जब बच्चों को हमारी पहले जैसी जरूरत नहीं होती है और महिलाओं में हार्मोन बदलाव आते हैं जिसके कारण वे डिप्रेशन, फ्रस्ट्रेशन स्ट्रेस आदि समस्याओं के कारण उन्हें शारीरिक व मानसिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन हम लगातार उन्हें सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़े रखते हैं जिससे वह अपनी छुपी हुई प्रतिभा का मंच पर प्रदर्शन भी कर सकती है और उसकी तैयारियों के चलते वे अपनी किसी भी तरह के तनाव से दूर रहती है ।”
प्रतियोगिता के निर्णायक थे
दूरदर्शन कलाकार श्रीमती पल्लवी घटक जो महान संगीतकार पंडित अजय चक्रवर्ती जी की छात्रा है एवं उनके एकेडमी श्रुतिनंदन में संगीत शिक्षिका है,
कोलकाता दूरदर्शन के जाने-माने गायक श्री अमित दे असम की स्वनामधन्य गायिका शुकतारा भट्टाचार्य,वॉयस ऑफ छत्तीसगढ़ के अनिल बल्लेवार एवं कमलेश राजा
उन्होंने इस आयोजन की सराहना की कहा कि हमारी मां भी बहुत प्रतिभावान थी लेकिन उन्होंने सिर्फ हमारे सपनों को ही पूरा किया। उनके जमाने में स्वयंसिद्धा जैसी संस्था रहती तो आज मेरी मां की भी अपनी पहचान अवश्य बनती”
सावन महोत्सव की नृत्य प्रतियोगिता में 70 से अधिक महिलाओं ने प्रतिभागीता की।
इसमें त्योहारों के थीम पर आधारित नृत्य के विडिओ भेजना था ।
जन्माष्टमी ,देशभक्ति रक्षाबंधन व बरसात थीम पर आधारित गीतों पर नृत्य प्रस्तुत करना था एवं दूसरी कैटेगरी में किसी भी प्रदेश का लोक नृत्य प्रस्तुत करना था ।
निर्णायक थे नृत्यधाम की संचालिका डॉ.राखी राय, रोशन डांस एकेडमी के संचालक रोशन घड़ेकर एवं प्रख्यात भरतनाट्यम नृत्यांगना रितुपर्णा सेनगुप्ता
लेखन प्रतियोगिता में 45 महिलाओं ने प्रतिभागीता की जिसकी निर्णायक लेखिका एवं वरिष्ठ व्याख्याता डॉ सुचित्रा शर्मा थी।
प्रतियोगिता के नतीजे इस प्रकार है।
फिल्मी गीत कैटेगरी में प्रथम मधुरिमा राय
द्वितीय- प्रतिमा अदबे तृतीय नीतू साहू थी
गैर फ़िल्मी गीतों की कैटेगरी में
प्रथम-मेघा यदुवंशी
द्वितीय-देबजानी मजुमदार
विनिता गुप्ता
तृतीय-पूनम सोंधी,जयिता बैद्य
लोकगीत कैटेगरी मे
प्रथम-गीता सिंह
द्वितीय-रचना पाठक
व स्मिता मंडल
तृतीय-सुशीला साहू व रीता वैष्णव
जूरी अवार्ड- पुनीता कौशल
थीम डांस
प्रथम-अनिता पाण्डेय
द्वितीय-पूजा शुक्ला
तृतीय-प्रियंका दिवान
लोकनृत्य प्रतियोगिता
प्रथम-सुशीला साहू
द्वितीय-अंजना सेनगुप्ता
तृतीय-नेहा सिंह राजपूत
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