घर खरीदना है और उसके लिए लोन लेना है तो जान लें यह जरूरी पांच बातें.
अगर आप भी घर खरीदने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है. होम लोन लेने के पहले की प्रक्रिया में आपको इस बात का अनुमान लगा लेना चाहिए कि आपकी कमाई कितनी है. क्योंकि बैंक आपके कमाई के अनुसार ही आपको लोन मुहैया कराता है. आपकी लोन लेने की क्षमता आपके चुकाने पर भी निर्भर करती है. दरअसल, बैंक सबसे पहले यह देखती है कि आप होम लोन चुका सकते हैं या नहीं. आप जितना अधिक पैसा कमाएंगे उतना अधिक अमाउंट बैंक आपको लोन के रूप में देगी. वहीं होम लोन की अवधि और ब्याज दर लोन की राशि पर भी निर्भर करती है.
एप्लीकेंट है जरूरी,
होम लोन के लिए आपके पास एप्लीकेंट की जरूरत होती है. अधिकतर केस में को एप्लीकेंट का होना अनिवार्य होता है. अगर आपका घर या प्रॉपर्टी का मालिक एक है तो आपके घर के परिवार का कोई भी व्यक्ति एप्लीकेंट बन सकता है.
कैसे मिलती है राशि,
होम लोन की राशि एकमुश्त या किस्त में आपको दी जाती है. इसमें अधिक से अधिक तीन किस्त हो सकती है. इस तरह की प्रॉपर्टी के मामले में आप कर्ज देने वाले बैंक से यह एग्रीमेंट कर सकते हैं जहां कंस्ट्रक्शन के हिसाब से होम लोन की राशि बिल्डर को दी जाएगी. रेडी टू मूव प्रॉपर्टी के मामले में लोन की रकम एकमुश्त मिल सकती है.
समय से पहले बंद करा सकते है होम लोन,
आप होम लोन को समय से पहले भी बंद करवा सकते हैं. अगर आप फ्लोटिंग इंटरनेट रेट में हैं तो इसके लिए आपसे कोई चार्ज नहीं वसूली जाएगा. पर अगर आप फिक्सड रेट में हैं तो बैंक आपसे चार्ज ले सकती है.
लोन पर ब्याज दर के विकल्प,
होम लोन पर ब्याज दर फिक्सड या फ्लेक्सीबल दोनों हो सकती है. फिक्सड ब्याज दर पहले से तय रहती है, जबकि फ्लेक्सीबल ब्याद दर बदलते रहती है.
होम लोन के लिए जरूरी दस्तावेज,
होम लोन के फॉर्म के साथ डॉक्यूमेंट की पूरी चेकलिस्ट लगी रहती है. इसके साथ आपको फोटो लगानी होती है. घर खरीदने के क़ानूनी कागजात से लेकर बैंक आपसे आइडेंटिटी और रेजिडेंस प्रूफ के साथ सैलरी स्लिप फॉर्म 16 या आयकर रिटर्न के साथ बैंक का पिछले छह महीने की स्टेटमेंट तक देना पड़ता है. होम लोन देने वाले कुछ संस्थान लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, शेयर के कागजात, एनएससी, म्युच्युअल फंड यूनिट, बैंक डिपॉजिट या दूसरे निवेश के कागजात भी गिरवी के रूप में मांगते हैं.