बहुत से ऐसे कारण है जिनसे हो सकता है आपका सिबिल स्कोर खराब, कहीं आप तो नहीं कर रहे ये काम.
एक इंडिविजुअल बोरोअर का क्रेडिट स्कोर उसके क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाता है। इसमें एक व्यक्ति के पास मौजूद क्रेडिट अकाउंट्स की संख्या, कुल कर्ज, कर्ज की रीपेमेंट हिस्ट्री और साथ ही लोन डिमांड इंक्वायरी की पूछताछ शामिल हैं। लेंडर्स इस क्रेडिट स्कोर का उपयोग किसी व्यक्ति की रिपेइंग एबिलिटी का असेसमेंट करने के लिए करते हैं, जिसके आधार पर लोन एप्लीकेशन अप्रूव्ड होता है। हमारे सहयोगी फाइनेंशियल एक्सप्रेस से बात करते हुए बेसिस के को-फाउंडर और सीओओ दीपिका जयकिशन ने कहा कि किसी का सिबिल स्कोर एक वयस्क के फाइनेंशियल रिपोर्ट कार्ड की तरह होता है। यह संख्या 300 और 900 के बीच होती है। इस स्कोर को तब ज्यादा ध्यान में रखा जाता है जब कोई लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करता है, इसी रिपोर्ट कार्ड की मदद से लेंडर उधार मांगने वाले के आवेदन के बारे में फैसला लेता है।
750 से ऊपर सिबिल होता है बेस्ट,
वैसे 700 से ऊपर का क्रेडिट स्कोर एक अच्छा स्कोर माना जाता है। 750 और उससे अधिक के क्रेडिट स्कोर के साथ ऋण या क्रेडिट कार्ड मिलने की संभावना बढ़ जाती है। उधारकर्ता को आकर्षक ब्याज दरें भी मिलती हैं। यदि आपका क्रेडिट स्कोर कम है, तो आपके लिए उधारदाताओं को ढूंढना मुश्किल हो सकता है। अब सवाल यह है कि अगर आपका सिबिल स्कोर 700 अंकों से नीचे है तो आप इसे जल्द जल्द कैसे ऊपर उठा सकते हैं।
क्रेडिट रिपोर्ट की करते रहे जांच,
जानकारों की मानें तो कम क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्तियों के लिए, यदि वे वर्तमान में उधार नहीं ले रहे हैं, तो उन्हें अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार करने का प्रयास करना चाहिए। उदाहरण के लिए, नियमित अंतराल पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करने का प्रयास करें, ऐसा करने से आपको किसी भी कमी का पता लगाने में मदद मिलेगी, जो आपके क्रेडिट स्कोर को नीचे ला सकती है। इसके अतिरिक्त, हाई क्रेडिट स्कोर वाले लोगों को भी इसे बनाए रखने के लिए उपाय करना चाहिए।
इन सबसे खराब हो सकता है आपका सिबिल स्कोर,
क्रेडिट उपयोग अनुपात : यदि आपने मंथली सर्किल के दौरान अपने क्रेडिट कार्ड की सीमा का 30 फीसदी से अधिक उपयोग किया है, तो आपका क्रेडिट स्कोर गिर जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्कोर में सुधार देखने के लिए आने वाले महीनों के लिए अपने क्रेडिट उपयोग को सीमित करने का प्रयास करना चाहिए।
जरुरत के अनुसार रिपेमेंट ना करना : जब आप अपने क्रेडिट कार्ड बिल या लोन ईएमआई का पूरा भुगतान नहीं करते हैं, तो शेष राशि जमा हो जाती है, और आपका कर्ज भी बढ़ जाता है। इससे लोन और इनकम रेश्यो में इजाफा होती है और आपका क्रेडिट स्कोर गिर जाता है। इससे बचने के लिए, अपनी लोन राशि को पूरा चुकाने का प्रयास करें।
चूक या देर से भुगतान : यदि आप अपने ऋण भुगतान में देरी या चूक करते हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है। जयकिशन कहते हैं कि यदि आप हाल ही में भुगतान चूक गए हैं, तो अपने बैंक से बात करके देखें कि क्या वे आपके भुगतान को बिना किसी दंड के समायोजित कर सकते हैं।
आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर गलत जानकारी : कई बार, आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में गलत या देरी से रिपोर्टिंग के कारण त्रुटियां और गलतियां हो सकती हैं। जानकारों का कहना है कि किसी को अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करनी चाहिए कि कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं है और इसे जल्द से जल्द ठीक करने का लक्ष्य रखें।
कई उधारदाताओं की क्रेडिट सुविधाओं के साथ बार-बार आवेदन : जब आपके पास विभिन्न उधारदाताओं/ बैंकों के साथ कई बकाया आवेदन होते हैं, तो वह भी आपके स्कोर को प्रभावित करता है। इसलिए, कोशिश करें कि बहुत सारे बकाया ऋण आवेदन न हों।
अगर गारंटर हैं तो : इसके अतिरिक्त, ध्यान दें कि यदि आप किसी और के ऋण के लिए गारंटर हैं, और वे अपने भुगतान में चूक करते हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को भी प्रभावित करेगा।