नरेंद्र मोदी की सरकार ने अगर कृषि क़ानून को रद्द भी कर दिया तो किसका होगा भला ?
देश में गेहूं-चावल का उत्पादन इतना है कि रखने की जगह नहीं है अब सरकार को लगता है कि एमएसपी बोझ है एवं इसका उपाय करना जरूरी है. केंद्र की सरकार ने जो नए क़ानून बनाए हैं उनमें मुख्यत कृषि उपज की मंडी, ख़रीदारी और उत्पादन को नियंत्रण मुक्त करने पर ज़ोर है.
पंजाब व हरियाणा के किसानों को लग रहा है कि वो बाक़ी राज्यों के किसानों की तरह हो जाएंगे जिन्हें अपनी उपज औने-पौने दाम में बेचना पड़ता है. ऐसे में वो सड़क पर डटे हुए हैं कि एमएसपी जैसी व्यवस्था सरकारी मंडी हो या निजी मंडी हर जगह अनिवार्य होनी चाहिए.
पंजाब व हरियाणा के किसानों को अब यह चिन्ता सताने लग गया है कि वह भी अन्य राज्यों के किसानों की तरह हो जाएंगे जिन्हें अपनी खेती से प्राप्त उपज औने-पौने दाम में बेचना पड़ता है. ऐसे में सड़क में धरने पर बैठे हुए हैं कि एमएसपी जैसी व्यवस्था सरकारी मंडी हो या निजी मंडी हर जगह अनिवार्य होनी चाहिए.