कुश्ती के कोच ने कुछ ही सेकेंड में बिछा दीं लाशें
रोहतक । दिल्ली पुलिस ने रोहतक के जाट कालेज के अखाड़े में पांच लोगों की हत्या करने वाले आरोपी कुश्ती कोच सुखवेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। उत्तरी जिले के डीसीपी राजीव रंजन सिंह ने आरोपी की गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है। तथा यह आरोपी हरियाणा पुलिस के सहयोग से पकड़ा गया।
पुलिस ने आरोपी कोच को पकड़ने के लिए एक लाख रुपए का ईनाम रखा हुआ था तथा फरार चल रहे आरोपी को हिरासत में लेने के लिए थाना पुलिस और सीआईए के अलावा एसटीएफ की टीम भी लगा दी गई थी। उधर, पीजीआई में पांचाें मृतकों का पोस्टमार्टम किया गया। एसपी राहुल शर्मा ने पीजीआई पहुंच कर पीड़ितों को सुरक्षा का आश्वासन दिया था।
मामला यह था कि जाट कालेज के अखाड़े में कोच सुखवेंद्र ने शुक्रवार रात अंधाधुंध फायरिंग कर मुख्य कुश्ती कोच मनोज व उसकी पत्नी सहित पांच लाेगों की हत्या कर दी थी। मामले में एक अन्य कुश्ती कोच व मनोज का तीन वर्षीय बेटा सरताज भी गंभीर रूप से घायल हो गया था। कोच का उपचार गुरुग्राम व बच्चों का उपचार पीजीआई में चल रहा है। जान गंवाने वालाें में दंपती के अलावा दो अन्य कुश्ती कोच व एक महिला पहलवान शामिल हैं। वारदात का कारण पुरानी रंजिश सामने आ रही है।
बात के बहाने बुलाकर की मुख्य कोच की हत्या अभियुक्त सुखवेंद्र मोर सोनीपत के बरोदा का रहने वाला था। सोनीपत के ही सरगथल गांव निवासी 35 वर्षीय मनोज मलिक जाट कॉलेज के अखाड़े में हेड कोच थे। मनोज की पत्नी साक्षी रेलवे में क्लर्क था। हर रोज की तरह शाम को मनोज अपनी पत्नी और बच्चों के साथ जाट कालेज के ट्रैक पर गए थे। उसने मनोज और उसके परिवार को रात साढ़े नौ बजे अपने कमरे में बुलाया और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। मनोज को तीन गोलियां लगी और उसकी पत्नी व बच्चे को भी एक-एक गाेली लगी।
अंधाधुंध गोलीबारी करने के बाद सुखवेंद्र ने कमरे को ताला लगाया और चाबी लेकर वहां से निकल गया। गोली की आवाज सुनकर अखाड़े में नीचे बैठे अन्य कोच और खिलाड़ी ऊपर की तरफ दाैड़े, तभी अभियुक्त ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी और निकल भागा। घायलों को अस्पताल ले जाया गया। लेकिन मनोज मलिक की पत्नी साक्षी, उत्तर प्रदेश के मथुरा की रहने वाली पहलवान पूजा और रोहतक के गांव मोखरा निवासी कोच प्रदीप की मौत हो चुकी थी। कोच मनोज और झज्जर के गांव मांडौठी निवासी कोच सतीश दलाल को एक निजी अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी भी मौत हो गई थी।