गुजरात आसपास
■पारुल विश्वविद्यालय, वड़ोदरा.
■मुख्य अतिथि, प्रो.रमेश मकवाना.
■समाज़ के लिए प्रजातंत्र के ज्ञान की आवश्यकता- प्रो.रमेश मकवाना.
गुजरात । वड़ोदरा । पारूल विष्वविद्यालय में संचालित फेकल्टी ऑफ आर्टस, पारूल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्टस के तहत संचालित डिपार्टमेंट ऑफ सोषियोलॉजी की आरे से विगत दिनों जॉब अपुच्युनिटी इन सोषल साइंसेज विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार के मुख्य अतिथि, प्रो. रमेष मकवाना ने फेकल्टी सदस्यों, विद्यार्थियों एवं प्रतिभागियों को संबोधित किया।
प््राो. रमेष मकवाना ने सोषल साइंस को परिभाषित करते हुये इसे इकॉनोमिक, फिजियोलॉजी, पॉलिटकल साइंस के संदर्भ में समझाया। इसके साथ ही समाज विज्ञान को जीवन से जोड़कर समझाया। प्रो. मकवाना ने नोटबंदी को सामाजिक संदर्भ में समझाते हुये इसके सकारात्मक पहलुओं पर प्रकाष डाला। इसके साथ ही समाज विज्ञान का ग्लोबल मुद्दो एवं आर्थिक मंदी जैसे समय में सकारात्मक भूमिका के सदर्भ में समझाया। प्रो. मकवाना ने समतामूलक समाज के लिये प्रजातंत्र के ज्ञान की आवष्यकता पर बल दिया। उन्होंने साषल साइंटिस्ट की भूमिका एवं वसुधेव कुटुम्बकम की विचारधारा पर विस्तार से प्रकाष डाला। यूथ लीडरषिप एवं सोषल साइंस में जॉब अपुरच्युनिटी पर बात करते हुये इसमें अवसरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सर्वे रिसर्च सहित विभिन्न रिसर्च की प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दीं। समाज विज्ञान का विज्ञापन की दुनिया में महत्व को समझाते हुये केडबरी के विज्ञापन असली स्वाद है जिंदगी का, कुछ मीठा हो जाये एवं कॉल गेट के विज्ञापनों में समाज विज्ञान का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से समाहित होना बताया। उन्हांेने रिसर्च के महत्व, इसके पत्रकारिता के एसपेक्ट भी बताये तो। समाज विज्ञान में सर्वेयर, स्टेटिक्स ऑफिसर, काउंसलर, डेटा एनालेसिस, एनजीओ, अरबन एवं रिजनल प्लानर, कैरियर इन टिचिंग, लेबर ऑफिसर, पॉलिसी मेंकर तथा यूनेस्को एवं नाफो में जॉब की अपार संभावनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने एक अच्छे समाज विज्ञानी बनने के गुर भी सिखाये इनमें उन्होंने एक अच्छे समाज विज्ञानी में अभिव्यक्ति एवं लिखने की कला, जटिल समस्याओं का विष्लेषण करने वाला, समय प्रबंधन, कम्यूटर का ज्ञान, स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय भाषाओं का ज्ञान की जानकारी भी एक अच्छे समाज विज्ञानी में होने के लिये कहा।
पारूल विष्विद्यालय के डीन, फेकल्टी ऑफ आर्टस, प्रिंसिपल पारूल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्टस एवं प्रोफेसर जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेषन, प्रो. डॉ. रमेष कुमार रावत ने वेबीनार के आरंभ में प्रो. रमेष मकवाना का स्वागत उद्बोधन के माध्यम से स्वागत किया एवं वेबीनार के अन्त में आभार जताया। वेबीनार में देष के विभिन्न प्रदषों से सैकंडो विद्यार्थियों, षिक्षकों, शोधार्थियों एवं पत्रकारों ने भाग लिया।
[ ●शिक्षण डेस्क,’छत्तीसगढ़ आसपास’. ●प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल, न्यूज़ ग्रुप समूह,रायपुर,छत्तीसगढ़. ]
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