■साहित्यिक पत्रिका ‘किस्सा कोताह’ का आयोजन, ग्वालियर में सम्पन्न. ●डॉ. बजरंग बिहारी तिवारी ने कहा- ‘भक्तिकालीन साहित्य सबसे महत्वपूर्ण है’. ●डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ ने कहा- ‘हिंदी साहित्य एवं पत्रिकाओं के विकास के लिए हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा अविलंब मिलना चाहिए’.
●विभिन्न प्रांतों से आये साहित्यकार
●सभागार
●उदघाटन करते हुए डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’.
●संपादक, ए. असफल का सम्मान अतिथियों द्वारा.
ग्वालियर । किस्सा कोताह वार्षिकोत्सव 2021 के इस महाकुंभ में जो गालव ऋषि की नगरी -ग्वालियर में संपन्न हुआ, उसमें विभिन्न प्रांतों से आए हुए साहित्य मनीषियों ने जो साहित्य की तरंगों में डुबकियां लगाईं उससे साहित्य की अनुगूंज और ख़ुशबू दूर-दूर तक पहुंची। यह महाकुंभ 2 दिन तक चला।
प्रथम सत्र 13 मार्च शनिवार को उद्घाटन सत्र के साथ प्रारंभ हुआ जिसमें अध्यक्ष की आसंदी पर श्री प्रमोद भार्गव विराजमान थे। उद्घाटन मुख्य अतिथि कोरबा छत्तीसगढ़ से पधारे विद्वान डॉ माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ ने किया। मुख्य वक्ता डॉक्टर बजरंग बिहारी तिवारी दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा उद्बोधन दिया गया। संचालन केआरजी कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ रश्मि चौधरी द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध कहानीकार और सहायक उपायुक्त (कर) श्री राजनारायण बोहरे इंदौर द्वारा 7 पुस्तकों – दीनानाथ जी सठिया गए हैं (कहानी संग्रह ) शिव अवतार पाल, ढाई आखर (काव्य संग्रह) रीमा दीवान चड्ढा, रिश्तों की सौगात (कहानी संग्रह) शगुफ़्ता यासमीन काज़ी बहती हो तुम नदी निरंतर (गीत संग्रह) श्यामसुंदर तिवारी, जिंदगी का सफर तनहा (ग़ज़ल संग्रह) हरि ओम शरण विमल, सहमा हुआ इतिहास (कहानी संग्रह), योनिमुद्रे नमोस्तुते (उपन्यास) ए. असफल का विमोचन हुआ।
द्वितीय सत्र पुरस्कार सम्मान एवं रचना पाठ आधारित रहा। सत्र की अध्यक्षता श्यामसुंदर तिवारी खंडवा ने की संचालन डॉक्टर प्रतिभा त्रिवेदी प्राचार्य ग्वालियर ने किया। इसमें डॉ. बजरंग बिहारी तिवारी को कथेतर साहित्य सम्मान, शिव अवतार पाल को कहानी सम्मान, शैलेंद्र शरण को कविता सम्मान, राजा अवस्थी को नवगीत सम्मान, कांता राय को लघुकथा सम्मान, श्याम सुंदर तिवारी गीत सम्मान, मनीष बाजपेई को किस्सा कोताह क्लब सम्मान, दिव्या शर्मा को बाल कहानी सम्मान, राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव को बाल कविता सम्मान, मनोज शुक्ल अर्णव को छंद सम्मान से नवाज़ा गया।
साहित्य महाकुंभ के दूसरे दिन प्रथम सत्र की अध्यक्षता डॉ राकेश पाठक द्वारा की गई। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक मुकेश नेमा अपर आयुक्त आबकारी ग्वालियर, संचालक डॉ आशा वर्मा सहायक प्राध्यापक एसएलपी कॉलेज ग्वालियर द्वारा किया गया। इस सत्र में प्रसिद्ध कवियों आनंद सौरव उपाध्याय विदिशा, हरगोविंद मैथिल विदिशा, राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव विदिशा, राजा अवस्थी कटनी, विजय बागरी कटनी, डॉ निर्दोष प्रेमी शिकोहाबाद, मनोज शुक्ल अर्णव बाह, बलवीर सिंह पाल इटावा, शैलेंद्र शरण खंडवा, श्यामसुंदर तिवारी खंडवा, हरिओम सिंह विमल इटावा एवं
डॉ माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ कोरबा ने साहित्यिक गंगा में डुबकी लगाकर विभिन्न रसों से सराबोर काव्यांजलि सबके समक्ष प्रस्तुत की जो विभिन्न विषयों पर आधारित थी।
द्वितीय और अंतिम सत्र में अध्यक्षता डॉ पदमा शर्मा कथाकार और सहायक अध्यापक एमएलबी कॉलेज ग्वालियर ने की मुख्य अतिथि डॉ सुरेश सम्राट संपादक दैनिक भास्कर और नवभारत ग्वालियर एवं संचालन डॉ जितेंद्र सहायक प्राध्यापक एमडीएस कॉलेज भिंड ने किया। इसमें कहानीकार दीर्घ नारायण लखनऊ ने कहानी, डॉ ज्योति गजभिए ने छोटी कहानी, दिव्या शर्मा शिवमंगल सिंह ने बाल कहानियां, अंजू खरबंदा ने लघुकथा पाठ किया। आभार प्रदर्शन डॉ ज्योति उपाध्याय सहायक प्राध्यापक एवं अध्यक्ष हिंदी विभाग कन्या महाविद्यालय मुरार ने किया।
दो दिवसीय वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के सफल आयोजन का श्रेय किस्सा कोताह आयोजन समिति , विशेषकर पत्रिका के संपादक अशोक असफल एवं मुकेश नेमा को जाता है।ग्वालियर
एवं पत्रिकाओं के इतिहास में यह कार्यक्रम अपनी अमिट छाप अवश्य छोड़ेगा छोड़ेगा।
[ ●साहित्यिक डेस्क,’छत्तीसगढ़ आसपास’. ●प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल, न्यूज़ ग्रुप समूह,रायपुर,छत्तीसगढ़. ]
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