■रिसर्च में ‘IIT-BHU’ के विशेषज्ञ का खुलासा : •’ब्लैक फंगस’ के लिए सस्ता ‘सेनेटाइजर’ भी जिम्मेदार !
राष्ट्रीय-
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IIT-BHU के विशेषज्ञ ने रिसर्च में पाया कि बाजार में बिकने वाले ‘
सस्ते ‘हैंड सेनेटाइजर’, ‘कोरोना संक्रमित’ वयक्तियों में बढ़ते ‘ब्लैक फंगस’ के मामलों में इनकी भी भूमिका अहम है.
एक रिसर्च में सामने आया है कि ‘ब्लैक फंगस’ के लिए ‘स्टेरॉयड’ के अलावा धूल के कण और बाजार में मिलने वाले नकली एवं सस्ते सेनेटाइजर भी जिम्मेदार है. सस्ते सेनेटाइजर में ‘मेथेनॉल’ की मात्रा जरूरत से कहीं ज्यादा होती है,जो आँख और नाक की कोशिकाओं को मृत कर ‘फंगस’ को उगाने में बेहतर वातावरण तैयार करती है.
आईआईटी-बीएचयू में सिरामिक इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक डॉ. प्रीतम सिंह की माने तो-
‘जब हम स्प्रे सेनेटाइजर को अपने चेहरे के आसपास ले जाकर छिड़काव करते हैं तो थोड़ी मात्रा में, हमारे आँखों और नाक में भी चली जाती है. इससे वहां के ‘रेटिना’ समेत आँखों व नाक की कोशिकायें मृत हो जाती है. जिसकी वजह से ‘रेटिना’ खराब होने लगती है और आँखों की रोशनी भी धीरे-धीरे जाने लगती है.
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