■सुप्रीम कोर्ट : किडनेपर को नहीं दे सकते ‘उम्रकैद’. पूरी खबर क्लिक कर पढ़ें
राष्ट्रीय खबर :
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सुप्रीम कोर्ट से अपरहण के मामले को लेकर बड़ा फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि अपहरणकर्ता,अपह्रत वयक्ति के साथ अच्छा बरताव करता है, मारपीट नहीं किया हो या जान से मारने की धमकी नहीं दिया हो तो अपहरण करने वाले वयक्ति को ‘भारतीय दंड संहिता की धारा 364 ए’ के तहत आजीवन कारावास की सज़ा नहीं दी जा सकती है.
मामला तेलंगाना निवासी शेख अहमद ऑटो चालक का है. इस ऑटो चालक ने सेंट मैरी हाईस्कूल के छटवीं कक्षा के छात्र का है. ऑटो चालक ने छात्र को घर छोड़ने के बहाने अगवा कर लिया था. घटना 2011 की है.
पीड़ित के पिता ने अदालत को बताया- ‘अपहरणकर्ता ने मेरे लड़के को कभी भी नुकसान पहुंचाने और जान से मारने की धमकी नहीं दी’.
सुप्रीम कोर्ट शेख अहमद को धारा 364 ए के तहत दोषी [निचली अदालत] ठहराने का फैसला रद्द कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा- अपहरण का अपराध साबित हुआ है और अपीलकर्ता को धारा 363 [अपहरण का दंड] के तहत सज़ा दी जानी चाहिए. इसकी सज़ा 7 साल तक की है, उम्र कैद नहीं●
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