एचआरए के बिना भी किराए के मकान पर टैक्स कटौती प्राप्त कर सकते है कर्मचारी, जाने कैसे.
अगर आप भी वेतन पाने वाले इम्पलॉई हैं तो आपको हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) जरूर मिलता होगा. ज्यादातर कंपनियों में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए हाउस रेंट अलाउंस उनकी सैलरी का हिस्सा माना गया है. आयकर अधिनियम 1961 में कर्मचारियों को भुगतान किए गए घर के किराए पर कटौती का दावा करने का प्रावधान लागू किया गया था. वहीं ऐसे कर्मचारी आयकर अधिनियम की धारा 80GG के तहत भुगतान किए गए मकान के किराए पर छूट का दावा कर सकते हैं. साथ ही ये नियम स्वरोजगार करने वाले लोगों पर भी लागू होता है, लेकिन छूट का फायदा पाने के लिए कुछ नियम और शर्तों को समझना जरूरी है. जैसे धारा 80जीजी के तहत कटौती का दावा करने के लिए किसी कर्मचारी को वित्तीय वर्ष के दौरान एचआरए प्राप्त नहीं होना चाहिए.
आपको बता दें कि एचआरए में छूट का दावा करने वाला करदाता धारा 80जीजी के तहत भुगतान किए गए किराए पर कटौती का दावा नहीं कर सकता है. साथ ही धारा 80GG के तहत कटौती का दावा करने वाले व्यक्ति का शहर में कोई घर नहीं होना चाहिए. वास्तव में जिस शहर में कार्यालय स्थित है या व्यवसाय किया जाता है, उस शहर में पति या पत्नी, नाबालिग बच्चे या हिंदू अविभाजित परिवार के नाम पर कोई घर नहीं होना चाहिए. वहीं अगर किसी कर्मचारी के पास शहर में घर है जहां वो काम भी करता है, तो वो कटौती का दावा नहीं कर पाएगा.
जानिए किसे मिलती है कटौती की परमिशन,
कटौती की अनुमति उस व्यक्ति को दी जाती है, जिसके पास अपने व्यवसाय से अलग किसी अन्य शहर में एक घर हो. बेंगलुरू स्थित चार्टर्ड एकाउंटेंट प्रकाश हेगड़े ने बताया कि ये प्रतिबंध केवल जिस शहर में व्यक्ति नौकरी कर रहा है वहां के लिए लागू होता है. जबकि व्यक्ति दूसरे शहर में संपत्ति का मालिक हो सकता है.
जानिए कैसे मिलेगा कटौती का लाभ,
करदाता को एक फॉर्म 10BA दाखिल करना होगा, जिसके बाद वो इस कटौती का दावा कर पाएगा. वहीं जिस करदाता ने वैकल्पिक या नई कर व्यवस्था का विकल्प चुना है, वो इस कटौती का दावा नहीं कर पाएगा. माना गया है कि कटौती की गणना एक सूत्र के आधार पर की जानी है.