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पिछले 20 सालों में भारतीय रिज़र्व बैंक के पास कुल गोल्ड रिज़र्व 12 गुना से ज्यादा बढ़ा है. वित्त मंत्रालय ने राज्य सभा में इसकी जानकारी दी है. केंद्र सरकार फॉरेन एक्सचेंज रिज़र्व के तौर पर गोल्ड रिज़र्व रखती है. गोल्ड रिज़र्व की देखरेख और प्रबंधन आदि की जिम्मेदारी आरबीआई की होती है. संकट की स्थिति में सेफ्टी और लिक्विडिटी के लिहाज से भी आरबीआई गोल्ड रिज़र्व रखा जाता है. केवल पांच देशों में ही भारत से ज्यादा गोल्ड रिज़र्व है.
आरबीआई के पास कितना बड़ा है गोल्ड रिज़र्व,
आरबीआई द्वारा दी गई जानकारी का हवाला देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि 2000-2001 में कुल गोल्ड रिज़र्व 2,725 मिलियन डॉलर था. जोकि 2013-2014 में बढ़कर 21,567 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया था. 2014-2015 से लेकर 2019-2020 तक यह कुल गोल्ड रिज़र्व 33,880 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. इस प्रकार बीते 20 सालों में भारत का कुल गोल्ड रिज़र्व 12 गुना से ज्यादा बढ़ चुका है.
दूसरे देश भी बढ़ रहे अपना गोल्ड रिज़र्व,
बता दें कि भारत के अलावा कई अन्य देश भी बीते कुछ सालों के दौरान अपने गोल्ड रिज़र्व को बढ़ा रहे हैं. दरअसल, अधिकतर विकासशील देश अपने गोल्ड रिज़र्व को इसलिए भी बढ़ा रहे हैं ताकि अमेरिकी डॉलर की वजह से उत्पन्न होने वाला जोखिम कम हो सके. लेकिन, भारत द्वारा अधिकतम गोल्ड रिज़र्व रखने की भी एक सीमा है.
सबसे ज्यादा गोल्ड रिज़र्व रखने के मामले में भारत से आगे अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और स्विट्जरलैंड हैं. इन देशों के अलावा चीन के पास भी भारत से ज्यादा बड़ा गोल्ड रिज़र्व है.