लोकार्पण, पुस्तक- झूला झूले फुलवा
बसना, ताँका हिंदी साहित्य की एक लोकप्रिय विधा है जिसकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि इसकी इ पुस्तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेज़न किंडल पर प्रकाशित हुई है इसके लेखक – रमेश कुमार सोनी राज्यपाल पुरस्कृत व्याख्याता एवं साहित्यकार -बसना हैं ।जापानी विधाओं के साहित्य लेखन हेतु बसना सदा से ही उर्वरा रही है यहाँ के रचनाकार हाइकु, ताँका, सेदोका एवं चोका में अपनी रचनाओं के लिए जाने जाते हैं । इसी क्रम में ज्ञात हो कि रमेश कुमार सोनी ने ‘ रोली अक्षत’ लिखी जो छत्तीसगढ़ की पहली हिंदी हाइकु संग्रह थी वहीं आपकी विश्व की पहली छत्तीसगढ़ी ताँका संग्रह – ‘हरियर मड़वा’ थी ।आपकी दूसरी हाइकु संग्रह – ‘पेड़ बुलाते मेघ’ को विशेष रूप से पसंद किया गया ।
‘झूला झूले फुलवा’ की भूमिका रामेश्वर काम्बोज ‘ हिमांशु’ – नोएडा एवं शुभकामना संदेश डॉ. सुधा गुप्ता वरिष्ठ हाइकुकार – मेरठ ने लिखी है । रचनाकार ने इस संग्रह को डॉ सुधा गुप्ता को समर्पित किया है । इस पुस्तक में कुल 114 पृष्ठ हैं और 11विविध उपखंडों में विभाजित है ; इसमें कुल 344ताँका हैं ।
इस अवसर पर रमेश कुमार सोनी ने कहा कि वे सदैव हिंदी साहित्य के लिए कुछ नया करने की कोशिश करते रहेंगे ताकि हिंदी साहित्य विदेशों में भी गौरवान्वित होती रहे जिसकी शुरुआत बसना जैसे छोटे से स्थान से हो । इससे हिंदी साहित्य और भी पुष्ट होगी और इसकी लोकप्रियता में वृद्धि होगी, यह शोद्यर्थियों के लिए भी उपयोगी है। इसके प्रकाशन पर रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ , डॉ सुधा गुप्ता , कमलेश भट्ट कमल, डॉ कुँवर दिनेश सिंह-शिमला,डॉ पूर्वा शर्मा-बड़ोदरा, कृष्णा वर्मा- कनाडा, ऋता शेखर मधु,ज्योत्सना शर्मा, अनिता ललित, डॉ सुरंगमा यादव,डॉ जेन्नी शबनम , डॉ रत्ना वर्मा ,गिरीश पंकज, डॉ सुधीर शर्मा , पुष्पा सिंघी , मंजूषा मन , बद्री प्रसाद पुरोहित, देवेंद्र नारायण दास , डॉ सुदर्शन रत्नाकर , आर के खरे , के सी साहू-प्राचार्य , पुरुषोत्तम पटेल, डॉ ए एल पटेल ,भगतराम वधवा एवं ज्योत्सना प्रदीप सहित देश – विदेश के सभी हाइकु रचनाकारों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए ताँकाकार सोनी को बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं ।
●रिपोर्ट-
●रमेश कुमार सोनी
●बसना,छत्तीसगढ़