विचार

4 years ago
334

●करें सादगीपूर्ण जीवन शैली का विकास
●राजकुमार जैन ‘राजन’

सिकन्दर को एक महात्मा ने पूछा कि, ‘तुम भारत को जीतकर क्या करोगे?’ ‘फिर मैं अफगानिस्तान, चीन जीतूंगा।’ सिकंदर का जवाब था। महात्मा ने पूछा, ‘फिर?’ ‘मैं उज्बेकिस्तान, रूस आदि जीतता-जीतता पुरी दुनिया जीत लूँगा।’ महात्मा ने फिर पूछा, ‘उसके बाद?’ सिकन्दर बोला, फिर मैं आराम करूँगा?’ महात्मा ने कहा कि, ‘तुम इतना सब- कुछ करने के बाद भी आराम ही करने वाले हो , तो आज ही आराम करो तो क्या कठिनाई है? यह सब खून खराबा, दुश्मनी किसके लिए?’ सिकन्दर कोई उत्तर नहीं दे सका। आज हर व्यक्ति जरूर चाहता है की उसका मान-सम्मान हो। उसके जीवन में सुख -समृद्धि हो। शांति हो। हर मनुष्य अपने जीवन में सफल होने के इंद्रधनुषी सपने देखता है और चाहता है कि उसका जीवन ज्योतिर्मय बन जाए। धन-वैभव मनुष्य को भौतिक सुख-सुविधा, रोटी-कपड़ा और मकान सुलभ करा सकता है ,पर सुख व शांति नहीं। यदि मन व्यथित, उद्वेलित, संत्रस्त, अशांत है तो सुख-शांति कहाँ से मिलेगी? वैभव व ऐश्वर्य का आकर्षण चरम पर है। जिंदगी की सारी ऊर्जा एक ही दिशा में नियोजित हो रही है। बाहरी विकास के तो नए-नए कीर्तिमान स्थापित होते जा रहे हैं। विज्ञान द्वारा दुनिया के किसी भी कोने में घटित घटना से हम कुछ ही पलों में अवगत हो जाते हैं। हम सीधा प्रसारण भी देख सकते हैं। लेकिन स्वयं में भीतर क्या घट रहा है, उसका कुछ भी अता-पता हमें नहीं है। बाहर उजाला फैलाया जा रहा है पर अपने भीतर अंधकार ने अपना साम्राज्य स्थापित कर रखा है। इसके चलते सामाजिकता, धार्मिकता, राष्ट्रीयता और मानव मूल्यों की अवमानना हुई है। भला इससे जीवन में सत्यं, शिवं, सुन्दरं की स्थापना कैसे हो पाएगी ? यदि जीवन मे संयम अवतरित हो जाता है, तो मनुष्य सुखमय जीवन जी सकता है, क्योंकि संयम की उपज है-सादगी!
भारतीय संस्कृति का आदर्श वाक्य है,- ‘ सादा जीवन, उच्च विचार ‘। यही स्वस्थ समाज रचना का प्रारूप है यदि सुखमय जीवन का रहस्य जानना चाहते हैं, तो वह है-सादगी पूर्ण जीवन शैली का विकास। संयम, सादगी, सदाचार जैसे जीवन मूल्यों की पुनः प्रतिष्ठा की जाए। लालसाओं को असीमित होने से रोका जाए, आकांक्षाओं का विस्तार कम किया जाए। यही वह सुंदर, सुखद राजमार्ग है, जिस पर चलकर मनुष्य सुख और शांति की अनुभूति को प्राप्त हो सकता है। मानव-प्रतिभाओं का विकास साधन सुविधाओं पर ही आधारित है, यह सत्य नहीं है। इसके लिए आत्म विश्वास और कार्य करने की सम्यक विधि ये ही मुख्य आवश्यकता है। साधन-सुविधाओं की आवश्यकता इसके बाद आती है।ऐसे अनेक उदाहरण हैं कि अनेक साधन-सुविधाओं , सम्पन्नता के बाद भी कई व्यक्ति अपना विकास नहीं कर पाते। और जिनके पास पर्याप्त साधन नहीं हैं, जो संयमी और सादगी पूर्ण जीवन जीते हैं फिर भी वे अपनी प्रतिभा का पूर्ण विकास कर पाये और इतिहास बनकर चले गए। इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों में कितनी-कितनी महान हस्तियों के नाम अंकित है, जिन्होंने अपने सादगी पूर्ण जीवन से सफलता हासिल करने का सुख प्राप्त किया। बीरबल और चाणक्य की सादगी जग विख्यात है, जिन्होंने अपनी बुद्धि के बलबूते विश्व में भारत की गरिमा मंडित संस्कृति को महिमा मंडित किया था। लाल बहादुर शास्त्री की पूर्ण जीवन से कोई अनभिज्ञ नहीं है। मिसाइलमेन पूर्व राष्ट्रपति ऐ. पी.जे. अब्दुल कलाम ने अपने सादगीपूर्ण व्ययवहार से सभी का दिल जीता है। स्वर कोकिला लता मंगेशकर की सादगी ने उन्हें सफलता की बुलंदियों पर पहुंचा दिया।
हमारा जीवन चेतना और देह का मिला जुला रूप है। देह जड़ है किंतु चेतना के कारण इसमें जीवंतता है।आस्ट्रेलिया में एक जनजातीय कबीला है, जिसकी सादगी बेमिसाल है, उनके पास न कोई मनोरंजन का साधन है न ही शिक्षा- दीक्षा का कोई तनाव ! न साइबर दुनिया का झमेला, ना सुख सुविधाओं के आधुनिक उपकरण! न बैंक न पोस्ट ऑफिस! फिर भी इतने सुखी कि दूसरे देख कर ईर्ष्या करने लगें। क्योकि इस सुख-संतुष्टि के कारण न कोई बीमारी, न धन छिपाने का भय, केवल खुशहाल जीवन! यह सादगी पूर्ण जीवन का एक करिश्मा है, जिससे तेजस्विता प्राप्त हो जाती है। यदि मनुष्य वास्तविक सुख चाहता है तो सादगी को अपनाना होगा। व्यक्तिगत स्वामित्व का दायरा सीमित होने से संग्रह की वृत्ति नहीं बढ़ेगी। संग्रह के अभाव में सादगी सहज आ सकती है। अभाव के कारण कोई दुखी है, समझ में आता है। किंतु वैभव के अंबार पर बैठा व्यक्ति दुःख की साँसें लेता व्यथित रहता है। सुकून से नींद भी नहीं ले सकता है। यह बताता है कि सुख संग्रह में नहीं त्याग में हैं। संयम-सादगी में हैं। साधन-सुविधाएं, वैभव मुख्य नहीं है।आवश्यकता की अपनी उपयोगिता हो सकती है, किंतु वे भी जब लालसाओं से जुड़ जाती हैं तो असीम हो जाती हैं। कुछ आवश्यकताएं बुनियादी हैं, किंतु अधिक आवश्यकताएं तो लालसा प्रेरित हैं, जो मात्र उपभोक्तावाद का पोषण हैं, दिखावा है, छलावा है। उनके पीछे भागना ना समझदारी है। प्रत्येक बुद्धिमान व्यक्ति को इस मानसिक व्याधि से बचना चाहिए। बिना सोचे -विचारे अनेकों महानुभाव मात्र पद-प्रतिष्ठा पाने की धुन में अपना कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं। प्रदर्शन उनका मुख्य ध्येय है। वे अपने को अग्रिम पंक्ति में खड़ा रखने के लिए अनेक आडंबर करते हैं। उपयोगिता वाद की जगह उपभोक्ता वाद को बढ़ावा देते हैं। वे अपना धन प्रदर्शन में व्यय करेंगे, किंतु समाज व राष्ट्र हित में कोई योगदान नहीं करेंगे। उनके पास इस तरह की दृष्टि ही नहीं है। सुख तो आंतरिक चेतना की शुद्धि का प्रतिफल है, बाहर की चकाचौन्ध में नहीं। सादगी का मतलब गरीबी नहीं, बल्कि चेतना के सुंदर व स्वस्थ भाव हैं जो सम्पन्नता में भी बाधक नहीं । आम सामान्य मनुष्यों को चाहिए कि वह अपनी जरूरतों की समीक्षा करते हुए जो उपयोगी व आवश्यक हो उसे ही अपना लक्ष्य बनाएं।
‘सादगी की की कोख से विवेक जन्म लेता है’। सादगी वह सम्पदा है, जो निरन्तर आत्म संतोष देती है। शीमक एक धन-दौलत से सम्पन्न व्यक्ति थे। प्रदर्शन से कोसों दूर रहते थे। आडंबर के अभाव में लोग उन्हें गरीब ही समझते थे। बिना किसी की परवाह के अपनी मस्ती में मस्त रहते थे। उन्हीं दिनों आचार्य महीधर ने वेदों पर भाष्य की रचना की, जो धन की कमी के कारण प्रकाशित नहीं हो पाए और लोगों को नहीं मिल सके। शीमक को जब यह पता चला कि धनाभाव में ज्ञान का प्रचार-प्रसार रुक गया है, तत्काल उन्होंने अपनी सारी संपत्ति इस कार्य के लिए समर्पित कर आदर्श स्थापित कर दिया।। लेकिन वर्तमान की चमक-दमक ने हर किसी को गुमराह कर दिया है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों व बाजारवाद ने सुविधाओं के इतने साधन उपलब्ध करवाए हैं, जिससे ‘सादगी’ शब्द मात्र शब्दकोश तक सीमित होने लग गया है। पारिवारिक व्यवस्थाएं, ख़ुशियाँ सब कुछ लालसाओं की अग्नि में स्वाहा हो रहे हैं। विलासिता पूर्ण जीवन पद्धति ने बेटे को पिता का, भाई को भाई का दुश्मन बना दिया है। आये दिन समाचार पत्रों में छपी घटनाएं, रिश्तों में आ रही कड़वाहट और भयावह स्थिति को बयां कर रही है। महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति हेतु अवांछित तत्वों को खुलेआम प्रोत्साहन मिलता है। जिसके चलते चोरी, डकैती, अपहरण,भ्रष्टाचार, हिंसा जैसी वारदातों को भी बढ़ावा ही मिल रहा है। इसलिए जरूरत है जागने की, सँभलने की! अपने साधनों, अपनी योग्यता, और अपने सामर्थ्य का पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है।
सादगी पूर्ण जीवन कथनी-करनी में समानता का भाव दर्शाता है। तनावमुक्त जीवनशैली, सुखमय वातावरण का उपहार, हर क्षण प्रसन्न रहने का विश्वास, सफल जीवन जीने का आदर्श प्रदान करती है- सादगी। सादगी मय जीवन की शुरुआत कर हम फिर से सच्चे आत्मिक सुख, सुकून व सफलता को प्राप्त कर सकते हैं।

[ राजकुमार जैन ‘राजन’,चित्रा प्रकाशन के संपादक हैं. ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के वीवर्स के लिए उनकी पहली आलेख, ‘करें सादगीपूर्ण जीवन शैली का विकास’. राजस्थान,चितौड़गढ़ से,लेखक ने विशेष रूप से मौलिक रचना ‘छत्तीसगढ़ आसपास, वेब पोर्टल’ के लिए भेजी हैं, पढ़ें औऱ अपनी राय से अवगत करायें,-संपादक ]

विज्ञापन (Advertisement)

ब्रेकिंग न्यूज़

breaking Chhattisgarh

महाराष्ट्र में प्रचंड जीत के बीच सीएम एकनाथ शिंदे की आई प्रतिक्रिया, CM चेहरे पर BJP को दे डाली नसीहत

breaking Chhattisgarh

रायपुर दक्षिण सीट पर सुनील सोनी जीते, कांग्रेस के आकाश शर्मा को मिली करारी मात

breaking Chhattisgarh

घोटाले को लेकर CBI के हाथ लगे अहम सबूत, अधिकारी समेत उद्योगपति को किया गया गिरफ्तार

breaking Chhattisgarh

इस देश में पाकिस्तानी भिखारियों की बाढ़; फटकार के बाद पाकिस्तान ने भिखारियों को रोकने लिए उठाया कदम

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर मंडराया खतरा! क्यों राइस मिलरों ने कस्टम मिलिंग न करने की दी चेतावनी?

breaking Chhattisgarh

छत्‍तीसगढ़ में बजट सत्र के पहले नगरीय निकाय-पंचायत चुनाव कराने की तैयारी, दिसंबर में हो सकती है घोषणा

breaking Chhattisgarh

वधुओं के खाते में सरकार भेजेगी 35000 रुपये, जानें किस योजना में हुआ है बदलाव

breaking Chhattisgarh

अमेरिका में गौतम अडानी का अरेस्‍ट वारंट जारी,धोखाधड़ी और 21 अरब रिश्वत देने का आरोप

breaking Chhattisgarh

भाईयों से 5वीं के छात्र की मोबाइल को लेकर नोक-झोक, कर लिया सुसाइड

breaking Chhattisgarh

छत्‍तीसगढ़ में तेजी से लुढ़का पारा, बढ़ने लगी ठंड, सरगुजा में शीतलहर का अलर्ट, 9 डिग्री पहुंचा तापमान

breaking Chhattisgarh

सुप्रीम कोर्ट के वारंट का झांसा दे कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट से ठगी, 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख लूटे

breaking Chhattisgarh

चींटी की चटनी के दीवाने विष्णुदेव किसे कहा खिलाने! बस्तर के हाट बाजारों में है इसकी भारी डिमांड

breaking Chhattisgarh

IIT Bhilai में अश्लीलता परोसने वाले Comedian Yash Rathi के खिलाफ दर्ज हुई FIR

breaking Chhattisgarh

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री नायडू से सीएम साय ने की मुलाकात, क्षेत्रीय हवाई अड्‌डों के विकास पर हुई चर्चा

breaking international

कनाडा ने भारत की यात्रा कर रहे लोगों की “विशेष जांच” करने का ऐलान ,क्या है उद्देश्य ?

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में भी टैक्स फ्री हुई फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’, सीएम ने की घोषणा

breaking Chhattisgarh

6 दिन में कमाए 502 करोड़ रुपये, अभी और होगी कमाई, जानिए छत्तीसगढ़ में किसानों की कैसे हुई बल्ले-बल्ले

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय स्तर पर फिर रचा इतिहास, कांकेर जिले को मिलेगा ‘बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड’, मुख्यमंत्री साय ने दी बधाई

breaking Chhattisgarh

स्टैंडअप कॉमेडियन यश राठी के खिलाफ FIR दर्ज, IIT के वार्षिक उत्‍सव में की थी अश्लील और आपत्तिजनक बातें

breaking Chhattisgarh

‘मां कहां गईं हैं…’, इस बात पर बढ़ा झगड़ा, बेटे ने बेरहमी से कर दी पिता की हत्या

कविता

poetry

इस माह के ग़ज़लकार : रियाज खान गौहर

poetry

कविता आसपास : रंजना द्विवेदी

poetry

रचना आसपास : पूनम पाठक ‘बदायूं’

poetry

ग़ज़ल आसपास : सुशील यादव

poetry

गाँधी जयंती पर विशेष : जन कवि कोदूराम ‘दलित’ के काव्य मा गाँधी बबा : आलेख, अरुण कुमार निगम

poetry

रचना आसपास : ओमवीर करन

poetry

कवि और कविता : डॉ. सतीश ‘बब्बा’

poetry

ग़ज़ल आसपास : नूरुस्सबाह खान ‘सबा’

poetry

स्मृति शेष : स्व. ओमप्रकाश शर्मा : काव्यात्मक दो विशेष कविता – गोविंद पाल और पल्लव चटर्जी

poetry

हरेली विशेष कविता : डॉ. दीक्षा चौबे

poetry

कविता आसपास : तारकनाथ चौधुरी

poetry

कविता आसपास : अनीता करडेकर

poetry

‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक व कवि प्रदीप भट्टाचार्य के हिंदी प्रगतिशील कविता ‘दम्भ’ का बांग्ला रूपांतर देश की लोकप्रिय बांग्ला पत्रिका ‘मध्यबलय’ के अंक-56 में प्रकाशित : हिंदी से बांग्ला अनुवाद कवि गोविंद पाल ने किया : ‘मध्यबलय’ के संपादक हैं बांग्ला-हिंदी के साहित्यकार दुलाल समाद्दार

poetry

कविता आसपास : पल्लव चटर्जी

poetry

कविता आसपास : विद्या गुप्ता

poetry

कविता आसपास : रंजना द्विवेदी

poetry

कविता आसपास : श्रीमती रंजना द्विवेदी

poetry

कविता आसपास : तेज नारायण राय

poetry

कविता आसपास : आशीष गुप्ता ‘आशू’

poetry

कविता आसपास : पल्लव चटर्जी

कहानी

story

लघुकथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती

story

कहिनी : मया के बंधना – डॉ. दीक्षा चौबे

story

🤣 होली विशेष :प्रो.अश्विनी केशरवानी

story

चर्चित उपन्यासत्रयी उर्मिला शुक्ल ने रचा इतिहास…

story

रचना आसपास : उर्मिला शुक्ल

story

रचना आसपास : दीप्ति श्रीवास्तव

story

कहानी : संतोष झांझी

story

कहानी : ‘ पानी के लिए ‘ – उर्मिला शुक्ल

story

व्यंग्य : ‘ घूमता ब्रम्हांड ‘ – श्रीमती दीप्ति श्रीवास्तव [भिलाई छत्तीसगढ़]

story

दुर्गाप्रसाद पारकर की कविता संग्रह ‘ सिधवा झन समझव ‘ : समीक्षा – डॉ. सत्यभामा आडिल

story

लघुकथा : रौनक जमाल [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

लघुकथा : डॉ. दीक्षा चौबे [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

🌸 14 नवम्बर बाल दिवस पर विशेष : प्रभा के बालदिवस : प्रिया देवांगन ‘ प्रियू ‘

story

💞 कहानी : अंशुमन रॉय

story

■लघुकथा : ए सी श्रीवास्तव.

story

■लघुकथा : तारक नाथ चौधुरी.

story

■बाल कहानी : टीकेश्वर सिन्हा ‘गब्दीवाला’.

story

■होली आगमन पर दो लघु कथाएं : महेश राजा.

story

■छत्तीसगढ़ी कहानी : चंद्रहास साहू.

story

■कहानी : प्रेमलता यदु.

लेख

Article

तीन लघुकथा : रश्मि अमितेष पुरोहित

Article

व्यंग्य : देश की बदनामी चालू आहे ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

लघुकथा : डॉ. प्रेमकुमार पाण्डेय [केंद्रीय विद्यालय वेंकटगिरि, आंध्रप्रदेश]

Article

जोशीमठ की त्रासदी : राजेंद्र शर्मा

Article

18 दिसंबर को जयंती के अवसर पर गुरू घासीदास और सतनाम परम्परा

Article

जयंती : सतनाम पंथ के संस्थापक संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास जी

Article

व्यंग्य : नो हार, ओन्ली जीत ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

🟥 अब तेरा क्या होगा रे बुलडोजर ❗ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा.

Article

🟥 प्ररंपरा या कुटेव ❓ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा

Article

▪️ न्यायपालिका के अपशकुनी के साथी : वैसे ही चलना दूभर था अंधियारे में…इनने और घुमाव ला दिया गलियारे में – आलेख बादल सरोज.

Article

▪️ मशहूर शायर गीतकार साहिर लुधियानवी : ‘ जंग तो ख़ुद ही एक मसअला है, जंग क्या मसअलों का हल देगी ‘ : वो सुबह कभी तो आएगी – गणेश कछवाहा.

Article

▪️ व्यंग्य : दीवाली के कूंचे से यूँ लक्ष्मी जी निकलीं ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

25 सितंबर पितृ मोक्ष अमावस्या के उपलक्ष्य में… पितृ श्राद्ध – श्राद्ध का प्रतीक

Article

🟢 आजादी के अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. अशोक आकाश.

Article

🟣 अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. बलदाऊ राम साहू [दुर्ग]

Article

🟣 समसामयिक चिंतन : डॉ. अरविंद प्रेमचंद जैन [भोपाल].

Article

⏩ 12 अगस्त- भोजली पर्व पर विशेष

Article

■पर्यावरण दिवस पर चिंतन : संजय मिश्रा [ शिवनाथ बचाओ आंदोलन के संयोजक एवं जनसुनवाई फाउंडेशन के छत्तीसगढ़ प्रमुख ]

Article

■पर्यावरण दिवस पर विशेष लघुकथा : महेश राजा.

Article

■व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा.

राजनीति न्यूज़

breaking Politics

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उदयपुर हत्याकांड को लेकर दिया बड़ा बयान

Politics

■छत्तीसगढ़ :

Politics

भारतीय जनता पार्टी,भिलाई-दुर्ग के वरिष्ठ कार्यकर्ता संजय जे.दानी,लल्लन मिश्रा, सुरेखा खटी,अमरजीत सिंह ‘चहल’,विजय शुक्ला, कुमुद द्विवेदी महेंद्र यादव,सूरज शर्मा,प्रभा साहू,संजय खर्चे,किशोर बहाड़े, प्रदीप बोबडे,पुरषोत्तम चौकसे,राहुल भोसले,रितेश सिंह,रश्मि अगतकर, सोनाली,भारती उइके,प्रीति अग्रवाल,सीमा कन्नौजे,तृप्ति कन्नौजे,महेश सिंह, राकेश शुक्ला, अशोक स्वाईन ओर नागेश्वर राव ‘बाबू’ ने सयुंक्त बयान में भिलाई के विधायक देवेन्द्र यादव से जवाब-तलब किया.

breaking Politics

भिलाई कांड, न्यायाधीश अवकाश पर, जाने कब होगी सुनवाई

Politics

धमतरी आसपास

Politics

स्मृति शेष- बाबू जी, मोतीलाल वोरा

Politics

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हलचल

breaking Politics

राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा- मर्यादित भाषा में रखें अपनी बात

Politics

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने डाॅ. नरेन्द्र देव वर्मा पर केन्द्रित ‘ग्रामोदय’ पत्रिका और ‘बहुमत’ पत्रिका के 101वें अंक का किया विमोचन

Politics

मरवाही उपचुनाव

Politics

प्रमोद सिंह राजपूत कुम्हारी ब्लॉक के अध्यक्ष बने

Politics

ओवैसी की पार्टी ने बदला सीमांचल का समीकरण! 11 सीटों पर NDA आगे

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, ग्वालियर में प्रेस वार्ता

breaking Politics

अमित और ऋचा जोगी का नामांकन खारिज होने पर बोले मंतूराम पवार- ‘जैसी करनी वैसी भरनी’

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, भूपेश बघेल बिहार चुनाव के स्टार प्रचारक बिहार में कांग्रेस 70 सीटों में चुनाव लड़ रही है

breaking National Politics

सियासत- हाथरस सामूहिक दुष्कर्म

breaking Politics

हाथरस गैंगरेप के घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा, पढ़िए पूरी खबर

breaking Politics

पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना के बाद, पीसीसी चीफ ने जांच समिति का किया गठन