स्वास्थ्य आसपास
●स्पर्श मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के कार्डियलॉजिस्ट डॉ.मोहम्मद असलम खान ने कहा-
●महिलाओं में बढ़ रहे हैं, हार्ट अटैक के मामले, मृत्यु दर भी अधिक
●नियमित हेल्थ केयर जरूरी
●कोलेस्ट्रॉल एवं ब्लड शुगर का विशेष ध्यान
छत्तीसगढ़ । भिलाई । पहले जहां यह माना जाता था कि पुरुषों में ही हार्ट अटैक के मामले ज्यादा होते हैं वहीं अब यह बात सामने आ रही है कि महिलाओं में भी हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य के प्रति उदासीनता के कारण महिलाओं में हृदय संबंधी विकारों के कारण मृत्युदर भी अधिक है। महिलाओं में हार्ट अटैक अधिक घातक होता है। यह कहना है स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ मोहम्मद असलम खान का। उन्होंने कहा कि नियमित हेल्थ चेकअप से इस स्थिति से बचा जा सकता है।
डॉ असलम ने कहा कि भारतीय महिलाएं आमतौर पर अपने स्वास्थ्य को लेकर उदासीन रहती हैं। छोटी मोटी तकलीफों को वे नजरअंदाज कर देती हैं। उनका जीवन बच्चों, पति एवं परिवार के बुजुर्ग सदस्यों की देखभाल करते ही बीत जाता है। महिलाओं में हार्ट संबंधी समस्या होने पर उल्टी लगना या उल्टी हो जाना, काम करते समय अत्य़धिक थकान, सीने या पीठ में दर्द, ठंडा पसीना आना, जबड़ों में दर्द होना आदि जैसे लक्षण उभरते हैं। इसे वे घरेलू इलाज से ही ठीक कर लेने की कोशिश करती हैं। घरेलू महिलाएं बाहर कम ही जाती हैं। बहुत कम महिलाएं नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करवाती हैं। इसके कारण कई बार आरंभिक लक्षण नजरअंदाज हो जाते हैं और मामला तब अस्पताल पहुंचता है जब स्थिति गंभीर हो जाती है।
डॉ असलम ने कहा कि 40 से अधिक उम्र की महिलाओं को नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की जांच करवानी चाहिए। ऐसी महिलाएं जिनके परिवार में किसी को हार्ट संबंधी समस्या रही है, उनको खतरा ज्यादा होता है। कोलेस्ट्राल एवं ब्लड शुगर का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए साथ ही थॉयराइड, ईसीजी, इको, ट्रेड मिल जैसे टेस्ट भी करवाने चाहिए। इससे हृदय रोगों को आरंभिक चरण में ही पकड़ना संभव होगा तथा उसे गंभीर बनने से रोका जा सकेगा।
【 ●स्पर्श जनसंपर्क से प्राप्त,स्वास्थ्य आसपास. ●’छत्तीसगढ़ आसपास’. ●प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल, न्यूज़ ग्रुप समूह,रायपुर,छत्तीसगढ़. 】
●●● ●●●