कविता, रेखा जोशी
[ ●फरीदाबाद निवासी, रिटायर्ड प्रोफेसर रेखा जोशी ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के लिए पहली रचना,प्रेषित की है. ●अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका ‘प्रयास’ का सम्पादन,’आखर मुक्ता’ औऱ ‘कथा साहित्य’, त्रि-मासिक पत्रिका का संपादन. ●यूट्यूब ‘जिंदगी-जिंदगी’ में काव्य रचना. ●लेखन के अलावा ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्र में निपुण. -संपादक ]
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●उठो सपूतों देश के,भारत रहा पुकार
●भारत पर तुम मर मिटो,हो जाओ तैयार
– रेखा जोशी
उठो सपूतों देश के , भारत रहा पुकार ।
भारत पर तुम मर मिटो ,हो जाओ तैयार ॥
आन बान पर देश की ,लाखों हुये शहीद ।
सीमा पर उत्सव मने ,क्या होली क्या ईद ॥
भारत सीमा पर खड़े ,तन कर वीर जवान ।
आँच न आए देश पे ,हो जायें कुरबान ॥
हमारी जन्म भूमि की ,माटी है अनमोल ।
लगाएँ माटी से तिलक नाही इसका मोल ॥
पावन सबसे भूमि ये, झुका रहे हैं शीश l
रक्षा सदा इसकी करें, प्रभु देना आशीष ll
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