स्मृति शेष
■प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख दादी ह्र्दयमोहिनी [गुलज़ार दादी] 93 वर्ष की उम्र में मुंबई के सैफी अस्पताल में महाशिवरात्रि के दिन[11 मार्च,2021] अंतिम सांस ली.
■दादी ह्र्दयमोहिनी जी का जन्म-1928 को औऱ मृत्यु-11 मार्च,2021.
■104 वर्षीय राजयोगिनी दादी जानकी जी के निधन के बाद दादी ह्र्दयमोहिनी जी को उत्तराधिकारी बनाया गया था.
माउंट आबू । दादी ह्र्दयमोहिनी ने 8 साल की अल्पायु में ही ‘ब्रह्मकुमारी’ संस्थान में प्रवेश लिया औऱ 9 साल की उम्र में ध्यान का वरदान मिला. दादी ह्र्दयमोहिनी ने 14 वर्ष तक ‘शिव बाबा’ के सानिध्य में खाना-पीना छोड़कर दिन-रात योग साधना की. बोडिंग स्कूल में चौथी कक्षा तक पढ़ी दादी जब ध्यान में बैठती, तो दादी जी को दिव्य अनुभूतियां होतीं.
ह्र्दयमोहिनी जी का मूलमंत्र था- ‘प्रेम ही सबसे बड़ी शक्ति है औऱ यही उनका सबसे बड़ा वेयक्तित्व था’.
दादी ह्र्दयमोहिनी जी को शत-शत नमन,ॐ शांति
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