रिपोर्ट : ‘छत्तीसगढ़ी ला पोठ करे बर रायपुर मा साहित्य महोत्सव होइस’
■रायपुर मा 19 अऊ 20 मार्च,2021 को ‘छत्तीसगढ़ी साहित्य महोत्सव’.
■सम्मेलन के उद्घाटन छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम व विधायक सत्यनारायण शर्मा जी हा करिस.
छत्तीसगढ़ । रायपुर । साहित्य ला समाज के दरपन कहे जाथे. साहित्य मा वो ताकत होथे जऊन तोप अऊ तलवार मा घलो नइ होय. इतिहास गवाह हे कि कोनो भी देश के बेवस्था बदलाव मा साहित्य के प्रमुख हाथ रहिथे. भाषा मा महतारी भाखा के बाते अलग होथे. महतारी भाखा ला दाई के दूध के समान अमृत माने गेहे. जेमन अपन महतारी भाखा ला भुला देथे ऊंकर मन के अस्तित्व घलो एक दिन मिट जाथे. तेकर सेति अपन महतारी भाखा के मान सम्मान बर जागरुक होना बहुत जरूरी हे .इही कड़ी मा महतारी भाखा ला पोठ करे बर अऊ राजभाषा बनाय के मांग खातिर होटल क्लार्क इन रायपुर मा 19 अऊ 20 मार्च के छत्तीसगढ़ी साहित्य महोत्सव के आयोजन करे गिस. येमा प्रदेश के सैकड़ों साहित्यकार मन शामिल होके अपन जागरुकता के परिचय दिस. वैभव प्रकाशन के डॉक्टर सुधीर शर्मा जी, छत्तीसगढ़ मित्र के डॉ. सुशील त्रिवेदी जी, अपना मोर्चा के राज कुमार सोनी जी, शिक्षा दूत प्रकाशन के सत्य प्रकाश सिंह जी अऊ जन संपर्क, संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त तत्वावधान मा आयोजित ये सम्मेलन के उद्घाटन शिक्षा मंत्री श्री प्रेम साय सिंह टेकाम ,विधायक श्री सत्य नारायण शर्मा जी हा करिस.
ये कार्यक्रम मा मेहा ( अंकुर) राजनांदगॉव जिला के साहित्यकार श्री महेन्द्र कुमार बघेल मधु जी, लखन लाल साहू लहर जी, फागू दास कोसले जी, युनुस अजनबी जी, अमृत दास साहू जी, रमेश कुमार मंडावी जी के संग दूसरा दिन( 20 मार्च) संझा 4 बजे पहुंचेन. भाई युनूस अजनबी जी के गाड़ी ले उतरते बखत रायपुर के साहित्यकार श्री चेतन भारती जी अऊ छंदकार जगदीश साहू हीरा जी ले भेंट होइस. जय जोहार करत स्वागत द्वार डहर आगू बढ़ेन. उही कर हमन फोटू खींचवाएन. एकर तुरंत बाद कार्यक्रम के अगुवा आदरणीय सुधीर शर्मा जी संग भेंट करेन. शर्मा जी ला मेहा हमर साहित्यकार भइया मन ले परीचित करायेंव. शुरु मा मेहा बतायेंव कि आदरणीय गुरुदेव अरुण कुमार निगम जी ले रात्रि विश्राम के बारे मा बात होय हे. फेर शर्मा जी हा किहिस कि चिंता झन करव सब बेवस्था करके रखे हन. हमन बतायेन कि 21 मार्च के छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति के प्रांतीय सम्मेलन मा रुकबो. शर्मा जी हा तुरते डॉ. जे. आर. सोनी जी ला फोन लगाइस कि राजनांदगॉव ले आय साहित्यकार मन ला गुरु घासी दास सांस्कृतिक भवन मा रुकही. सोनी जी हा तुरते हामी भर के हमन ला चिंता मुक्त कर दिस. फेर सोनी जी हा कार्यक्रम स्थल मा घलो पहुंच गे.
एकर बाद हमन पुस्तक स्टाल डहर गेन. मेहा वैभव प्रकाशन द्वारा सन् 2003 मा प्रकाशित महान कवि स्व. लक्ष्मण मस्तुरिहा के काव्य संग्रह “मोर संग चलव
ला ” बिसा के रखेंव. हमर संगवारी मन हा घलो पुस्तक खरीदिस. मेहा छंदकार श्री मनी राम साहू मितान के खंड काव्य” हीरा सोना खान” के खरीदना चाहत रेहेंव पर हाथ मा नइ आ पाइस.
फेर ये बीच मा कार्यक्रम मा पधारे साहित्यकार मन ले भेंट करके गोठ बात करेन. हमर छंद गुरू आदरणीय अरूण कुमार निगम जी के आगमन होइस. राजनांदगॉव जिला ले आय जम्मो
संगवारी मन संग गुरुदेव जी के पैलगी करेन. फेर चाय -पानी के बेरा होगे.
संझा 4.30 बजे श्री बृज लाल दावना के होनहार बेटी सेलिना दावना द्वारा राजकीय गीत ” अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार ” के सुग्घर प्रस्तुति करिस. 10 साल के बिटिया के प्रस्तुति ला देख के सबो झन मन हा गजब तारीफ करिस. फेर श्री सत्य प्रकाश सिंह के संचालन मा पहिली सत्र चालू होइस. “छत्तीसगढ़ी गद्य अउ पद्य मा समकालीन समे के उपस्थिति ” पर आयोजित परिचर्चा के पगरइत श्री नंद किशोर तिवारी जी संपादक, छत्तीसगढ़ी लोकाक्षर हा करिस. ये विषय मा आदरणीया सरला शर्मा जी, आदरणीया सुधा वर्मा जी, डॉ. पीसी लाल यादव जी, श्री कान्हा कौशिक जी अऊ श्री गया प्रसाद साहू रतनपुरिहा के सुग्घर बिचार सुने ला मिलिस. हमर साकेत साहित्य परिषद् सुरगी के जिक्र होय के संगे संग आदरणीय कुबेर सिंह साहू जी के सुरति अऊ सुरता, साथ मा कवि भैया राज कुमार चौधरी जी के कविता के उद्धरण सुन के मन हा खुश होगे. वक्ता मन ला समिति द्वारा स्मृति चिन्ह अउ शाल, श्रीफल भेंट कर सम्मानित करे गिस.
दूसर सत्र के परिचर्चा रात 7 बजे ले चालू होइस. श्री राजेन्द्र कुमार सोनी के संचालन मा ” छत्तीसगढ़ी अऊ हिंदी के आवाजाही ” विषय मा सुग्घर गोठ बात करे गिस. येकर पगपइत डॉ. सुशील त्रिवेदी जी हा करिस. येमा डॉ. चितरंजन कर जी भाषाविद्, श्री गिरीश पंकज जी वरिष्ठ कवि, संपादक, श्री रवि श्रीवास्तव जी,डॉ.स्नेहलता पाठक जी व्यंग्यकार, श्री विनोद साव जी व्यंग्यकार, श्री राजशेखर चौबे जी व्यंग्यकार अउ कमलेश्वर साहू कवि हा अपन बिचार ला रखिस. प्रकृति, प्रदेश, संस्कृति ला छत्तीसगढ़ी मा परकिरिति, परदेश, संसकिरिति लिखे मा आपत्ति करे गिस. काबर कि एकर से अर्थ के अनर्थ हो जाथे. यहू सत्र के वक्ता मन ला आयोजक समिति हा शाल, श्रीफल अऊ प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित करिस. इही बीच भोजन खाना खायेन.
परिचर्चा के बाद जोशी बहनों अऊ ऊंकर कलाकार द्वारा सुग्घर ढंग ले लोक गीत एवं नृत्य के प्रस्तुति देय गिस. धन धन हे धन मोर हीरा रायपुर, हाय रे सरगुजा नाचे, लोटा वाली दूनों बहिनी, सास गारी देवे, ननद मुँह लेथे देवर बाबू मोर के संगे संग पंथी धुन मा चोला माटी के हे राम के मनोरम प्रस्तुति दिस. उपस्थित रचनाधर्मी मन हा स्नेह भेंट कर कलाकार मन ला प्रोत्साहित करिस.
येकर बाद श्री विजय मिश्रा अमित के सफल संचालन मा कवि सम्मेलन के आयोजन होइस. शुरु मा कवयित्री मन हा गजब सुग्घर रचना प्रस्तुत करिस. येकर बाद हमन ला रात्रि विश्राम के चिन्ता सताय लगिस ता आदरणीय सुधीर शर्मा जी ले संपर्क करेन. काबर कि हमर विश्राम स्थल हा न्यू राजेन्द्र नगर के गुरु घासी दास सांस्कृतिक भवन मा रखे गे रिहिल .येकर सेति कवि सम्मेलन के मोह ला छोड़के रात 10.30 बजे हमन कार्यक्रम स्थल ले निकल गेन. आदरणीय सत्य प्रकाश सिंह जी हा आदरणीय शर्मा जी ला हमर संग न्यू राजेन्द्र नगर भेजिस. शर्मा जी ला धन्यवाद देवत हमन गुरु घासीदास सांस्कृतिक भवन मा आराम करे बर ऊपर हाल कोति गेन.
ये कार्यक्रम मा छंद गुरु आदरणीय अरूण कुमार निगम जी, डॉ.सुधीर शर्मा जी, सत्य प्रकाश सिंह जी, राजेन्द्र कुमार सोनी जी, डॉ. बिहारी लाल साहू जी, डॉ. पीसी लाल यादव जी, मीर अली मीर जी, आदरणीया सरला शर्मा, आदरणीया सुधा वर्मा, राम नाथ साहू, गया प्रसाद साहू, चेतन भारती, जगदीश साहू हीरा, जायसवाल जी, सूर्यकांत गुप्ता जी, राजेश चौहान जी,सदा राम सिन्हा जी, किशोर तिवारी जी, डुमन ला ध्रुव जी अजय साहू अमृतांशु जी, ,नीलम जायसवाल जी, शोभा मोहन श्रीवास्तव जी, बसंती वर्मा जी, वीरेन्द्र कुमार तिवारी वीरू जी, गजेन्द्र हरिहारनो दीप जी, अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा जी, संतू राम गंजीर जी, मनीष साहू जी, अशोक साहू आकाश जी, जोशी जी, बृज लाल दावना, मथुरा प्रसाद वर्मा जी, मिनेश साहू जी, हेम लाल साहू, राकेश कुमार के संगे संग अऊ कतको साहित्यकार मन के दर्शन करके मन हा तृप्त होगे. तो ये प्रकार ले छत्तीसगढ़ी साहित्य महोत्सव मा दूसर दिन हमर समय हा बितिस.
[ ●रिपोर्ट- ओमप्रकाश साहू’अंकुर’,राजनांदगांव, छत्तीसगढ़. ]
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