■75 भारत महोत्सव पर विशेष : ■डॉ. मीता अग्रवाल ‘मधुर’.
●देश भक्ति गीत.
-डॉ. मीता अग्रवाल ‘मधुर’.
[ रायपुर-छत्तीसगढ़ ]
♀है भारत के लाल खड़े।
रक्षक बनके नित्य अड़े।
भक्षक मार गिराएगे,
दमन करे रिपु दल बल को,
केसरिया तिलक लगाएगें।
है भारत के लाल खड़े—
माँ का कर्ज चुकाएगें,
आन अपनी बढ़ाएगें।
शूर वीर साहसी बल,
दुनिया को दिखाएँगे ।
है भारत के लाल खड़े—
हियँ से नाजुक है भले,
भारत माटी में पले।
नभ थल जल की शान हैं,
बाहुबल पहचान है।।
हैं भारत के लाल खड़े—
सीना ताने शेर अड़े,
काल चक्र के है पहरे ।
श्वेत केसरिया औ हरा,
लहर लहर झंडा फहरे।।
है भारत के लाल खड़े
है भारत के लाल खड़े
♀है चंदन माटी अपनी ,है स्वर्ण रूप अपना।
न्योछावर तन मन धन,वन कानन सुन्दर रचना।।
ॠषि मुनियों की धरती, गंगा यमुना की धारा।
है कल्पवृक्ष सी वसुधा, चमकें अंबर ध्रुव तारा।।
नित पान करे सुधोपम, अहिंसा स्तुति गाए।
हम पर जो आँख उठाए,ललकार मार भगाए।।
है जनम भूमि भारत माँ, श्रम सीकर करे आरती ।
हम लहू बहा दे अपना, वारे जीवन माँ भारती ।।
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