■75 भारत महोत्सव पर विशेष : ■उज्ज्वल प्रसन्नो.
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●स्वतंत्र अतुल्य भारत.
-उज्ज्वल प्रसन्नो.
[ भिलाई-छत्तीसगढ़ ]
स्वतंत्रता अमूल्य धरोहर हमारी
उत्कृष्टता पर अब दारोमदार है ।
वीरों की रण भूमि में आज
चमकती स्वर्ण तलवार है।
जय जवान जय किसान जय विज्ञान
हमारी उन्नति का मूल आधार है।
शौर्य से ओत प्रोत वीर जवान अपने
व्यवहार नम्रता का विश्व शान्ति का आधार है।
तिलक भारत की माटी का
कीर्ति कौशल अपार है ।
फहरा रहा तिरंगा जग में
सन्देश शान्ति व प्यार है ।
दिव्य ज्योति ज्ञान की प्रखर यहाँ
प्रगति विज्ञान की अपार है ।
सत्य अहिंसा प्रेम धर्म हमारा
आदर समभाव अतिथि मान मूल संस्कार है।वीरो की इस शौर्य भूमि में
आज हौसला अपार है ।
जन गण मन की धुन पर फहरा रहा तिरंगा जग में कीर्ति सात समुन्दर पार है।
धन्य भारत की अतुल्य भूमि
पोषण से जिसके प्रफुल्लित सारा संसार है।।
●कवि संपर्क-
●94241 22246
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