■हिंदी दिवस पर विशेष : ■डॉ. मीता अग्रवाल ‘मधुर’.
♀ हिंदी भाषा
♀ डॉ. मीता अग्रवाल ‘मधुर’
[ रायपुर-छत्तीसगढ़ ]
हिंदी भाषा हैं सरल,भारत की है आन।
देवनागरी लिपि सभी,लिखते देते मान।।
भक्ति काल धारा बही,रीति काल श्रृंगार।
रूप खड़ी बोली धरी,बहती गंध बयार।।
भजन गीत गाते सभी,सूर कबीर विकास।
घर घर मुखरित छंद है,नानक तुलसीदास।।
मीरा तुलसी औ सूर,सगुण भक्ति गुण गान ।
भाषा अवधी ब्रज रही,चेतनता वरदान ।।
रामचरितमानस रचे,रत्ना तुलसी दास।
हिंदी भाषा में अमर,राम काव्य हैं खास।।
प्रेम काव्य धारा बही,भक्ति प्रेम का द्वार ।
ज्ञान दीप बाती जला,भक्ति साधना धार।।
मीरा गाती प्रेम से,कृष्ण भक्ति के राग।
गीत महादेवी लिखी,हिंदी जागे भाग।।
स्वर व्यंजन हलन्त् गढ़े,ज्ञान व्याकरण रेख।
पढ़ना गुनना सब सदा, नीति नियम को देख।।
हिंदी बिंदी से सही,अनुनासिक अनुस्वार।
हिंदी शुद्ध लिखे पढ़े, मात्रा काअधिभार।।
उच्चारण आधार है,सहज सरल आभास।
कंठ तालु दंतव्य हमे,आखर बोले खास।।
साफ उचारे हम वहीं, जैसे उसका भेष।
मानक दे एकरुपता,सुन्दरता दे श्लेष।।
वन्दे मातरम जन-गण ,बहती मंद बयार।
राग लय सुर ताल छिपा,भारत माँ का प्यार ।।
निज भाषा के ज्ञान से,गढ़े नये सोपान ।
भाषा हिंदी से बढ़े,भारत की पहचान ।।
भाषा हिन्दी का सभी,करते है सम्मान ।
देशकाल को जोड़ती,,भारत भूमि महान।।
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