■बाल कविताएं : ■डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’.
3 years ago
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♀ चार बाल कविताएं.
♀ डॉ.माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’.
[ कोरबा-छत्तीसगढ़.]
1.शौक़ नया है पढ़ने का
कुछ लिखने ,कुछ गढ़ने का
मूड बनाकर बैठी है
टेबल ऊपर चढ़ने का
2.ख़ूब शरारत करती है
मन ही मन वह डरती है
रोज़ खिलौने बिखराकर
फिर अच्छे से धरती है
3.हँसती है,शरमाती है
रोज़ मिठाई खाती है
पापा की आहट सुनकर
दरवाजे तक जाती है
4.छोटा टैडी किसका है
वो ले जाए जिसका है
नाम बताओ कहने पर
कह देती है मिश्का है
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