■कविता आसपास. ■डॉ. मंजुला पांडे.
【 ●डॉ. मंजुला पांडे लेडी श्रीराम कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से एमए संस्कृत करने के बाद सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय,वाराणसी से बीएड हैं. ●कई पुरस्कारों से सम्मानित डॉ. मंजुला जी की रचनाएं देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कवितायें व गीत प्रकाशित होते रहती है. ●’छत्तीसगढ़ आसपास’ के लिए डॉ. मंजुला जी की पहली कविता ‘आओ हाथ से हाथ मिलाएं’ प्रकाशित की जा रही है, अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराएं. -संपादक ]
♀ आओ हाथ से हाथ मिलाएं.
♀ डॉ. मंजुला पांडे.
धरती के फैले आंगन को
सुंदर से सुंदरतम करने को
आओ हाथ से हाथ मिलाऍं
दीन, दुखी, बेबस लोगों में के
जीवन से अंधियारा हरने को
आओ हाथ से हाथ मिलाऍंं
धरती के बच्चे बच्चे को
शिक्षा से अभिसिंचित करने को आओ हाथ से हाथ मिलाऍं
हर बाला के मन में बैठे
अनजाने भय को हरने को
आओ हाथ से हाथ मिलाऍं
बेरोजगारों को रोजगार दिलाने को
नशे के जाल से मुक्त कराने को
आओ हाथ से हाथ मिलाऍं
वन ,पर्वत, नदियों, जीवो को
स्वच्छ, स्वस्थ रखने की खातिर आओ हाथ से हाथ मिलाऍं
सूरज, चंदा, तारों की भांति
जगमग भारत को करने को
आओ हाथ से हाथ मिलाऍं..।
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