■बचपन आसपास ■डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’.
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■कुल्फी खाते हैं.
■डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’.
[ जमनीपाली,जिला-कोरबा,छ. ग. ]
डॉक्टर से घबराते हैं
रोज़ दवाई लाते हैं
बीपी सुगर है फिर भी
नाना कुल्फी खाते हैं
चलते हैं टॉफी लेकर
जब भी बाहर जाते हैं
आव भगत करनी हो तो
हर दस्तूर निभाते हैं
कवियों की हर महफ़िल में
जाकर रंग जमाते हैं
मम्मी के समझाने पर
नानी को चिल्लाते हैं
मिश्का से है प्यार बहुत
उसका ही गुण गाते हैं
■कवि संपर्क-
■94241 41875
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