■नव वर्ष-2022 के स्वागत में दो गीत ■तारकनाथ चौधुरी.
♀ 1
हर्ष हो,उत्कर्ष हो,न संघर्ष हो
नववर्ष में।
आस हो,प्रयास हो,विश्वास हो
नववर्ष में।।
प्रीत हो,नवरीत हो और जीत हो
नववर्ष में।
समृद्धि हो,सुखवृद्धि हो,उपलब्धि हो
नववर्ष में।।
शांति हो,यशकाँति हो,न अशांति हो
नववर्ष में।
उमंग हो,तरंग हो,दुःखभंग हो
नववर्ष में।।
तृप्ति हो,शुभसृष्टि हो,न विरक्ति हो
नववर्ष में।
अर्थ हो,न अनर्थ हो,कुछ न व्यर्थ हो
नववर्ष में।।
मान हो,सम्मान हो,संज्ञान हो
नववर्ष में।
दान हो,प्रतिमान हो,मुस्कान हो
नववर्ष में।।
त्याग हो,अनुराग हो,सुभाग हो
नववर्ष में।
योग हो,न कोई रोग हो,उद्योग हो
नववर्ष में।।
♀ 2
लिखकर अनुभव पत्र क्षितिज के पार पुराना साल गया।
लेकर कोरे पृष्ठ सहस्त्र आया है देखो साल नया।।
हो बंध नए,संबंध नए,
अधरों पर ठहरें छंद नए,
हो हर्ष नया,उत्कर्ष नया,
जीवन पथ पर संघर्ष नया।
दुःख बिसराने,सुख बिखराने आया है देखो साल नया।
लेकर कोरे पृष्ठ सहस्त्र,आया है देखो साल नया।।
हो रीत नई और प्रीत नई,
आलिंगन में हो जीत नई,
हो प्रयास नया,विश्वास नया,
नूतन गढ़ने का अभिलाष नया।
कुछ सुलझाने,कुछ समझाने आया है देखो साल नया।
लेकर कोरे पृष्ठ सहस्त्र आया है देखो साल नया।।
लिखकर अनुभव पत्र
क्षितिज के पार
पुराना साल गया।।
■कवि संपर्क-
■83494 08210
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