■रचना आसपास. ■रंजना मजूमदार.
【 ●दिल्ली निवासी रंजना मजूमदार की ‘डाली के फूल’ [हिंदी काव्य संग्रह] औऱ ‘फायरफ्लाई Firefly’ [अंग्रेजी काव्य संग्रह] के अलावा 4 सांझा संग्रह प्रकाशित हो चुकी है. ●रंजना जी एक प्राइवेट इंटरनेट चैनल में एंकर है और कई लाइव शो में काव्य पाठ करते रहती हैं. ●’छत्तीसगढ़ आसपास’ के लिए रंजना जी की पहली रचना प्रस्तुत है.
– संपादक● ]
♀ नई सुबह
नई सुबह झांकती है सुनहरे रंगों में
सपनों की दुनिया गुलजार होने वाली है ।।
जो कसक थी अब तक रूह में उतरी हुई
वह शायद अब अलविदा कहने वाली है ।।
जो छूट गए पीछे उन्हें देख लूँ ज़रा
जो रूठ गए मुझसे , उन्हें मना लूं ज़रा
रुक जा साल की ऐ आखिरी रात
कुछ हसीन रिश्तो की दरार भरने वाली है ।।
तेरे दिए दर्दे निशा रहेंगे दिल में हमेशा
लेकिन नई उम्मीद है पर खोलने को बेक़रार
मैं ना ओढ़ूँगी नाकाम हसरतों का क़फ़न
बदलती तारीख़ अरमानों में नई जान लाने वाली है ।।
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