






■मकर संक्रांति पर विशेष : ■ललित पाल सिंह अर्कवंशी

3 years ago
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■खिचड़ी की दावत
■ललित पाल सिंह अर्कवंशी
[ अगौलपुर-हरदोई,उत्तरप्रदेश ]
सासू जी एक दिन फोन किहिन, भइया जी घर पर आई जाउ।।
नाती बिटियउ का लइके साथ, खिचड़ी पर दावत खाई जाउ।।
साली सरहज सासू से तुरत, हई फोन हाथ से छीनि लिहिन।
जब तलक फोन मा जान रही, मैडम से हँसि के बात किहिन।
ना ढेर दिनन से गये रहनु ,
दावत का विचार बनई लाग।
मैडम की तैयारियां होइ लगी, मन मा रसगुल्ला चलई लाग।।
जब तक हम सब ना पहुंचे,
दसन बार सब फोन करिनि।
जइसेइ द्वारे उनके पहुंचे,
स्वागत सम्मान हमार करिनि।।
खिचड़ी संग चटनी घी अचार,
मूली मिर्च टमाटर प्याज दीन्ह।।
पनीर पूड़ी खस्ता रसगुल्ला ,
यथासंभव दान दक्षिणा दीन्ह।।
आए जो भी खिचड़ी की दावत में
सबसे मिलन जुलन हुइगा।
पछिताइ रहे वई नातेदार,
ना आवा दावत मा पीछे रहिगा।।
■कवि संपर्क-
■97926 85856
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chhattisgarhaaspaas
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