■बसंत पंचमी पर विशेष : डॉ. बलदाऊ राम साहू.
3 years ago
166
0
♀ रितु बसंत जब आथे
♀ डॉ. बलदाऊ राम साहू
[ दुर्ग-छत्तीसगढ़ ]
रितु बसंत हर जब-जब आथे
तब-तब सुख के भान कराथे।
आमा मउरे सेमर फुलथे
परसा सुघर रंग देखाथे।
देख के धरती के सुघराई
मन ह घलो हरषित हो जाथे।
मगन हो के चिरगुन मन संग
कोयल राग म राग मिलाथे।
मन उपजथे भाव नवा तब्ब
गीत – ग़ज़ल घलो बन जाथे।
बाजा बाजे गली – खोर मा
फाग के धून गजब सुहाथे।
मया-पिरित अंतस के भइया
रिस्ता हमर नवा हो जाथे।
कउनो करथे हँसी-ठिठोली
तब हमरे मन हर मुसकाथे।
रितु बसंत के करथे स्वागत
कंठ ओकर सुरसती हमाथे।
■कवि संपर्क-
■94076 50458
●●● ●●●