• poetry
  • ■कल से लेकर आज़ तक : छत्तीसगढ़ी कविताओं में वसंत. ■अरुण कुमार निगम[दुर्ग].

■कल से लेकर आज़ तक : छत्तीसगढ़ी कविताओं में वसंत. ■अरुण कुमार निगम[दुर्ग].

3 years ago
399

भारतवर्ष में तीन मुख्य ऋतुएँ ग्रीष्म, वर्षा और शीत होती हैं। चार उप-ऋतुएँ भी होती हैं – शरद, हेमन्त, शिशिर और बसंत। इन सब ऋतुओं में वसंत को ऋतुराज कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि से वसंत ऋतु प्रारंभ हो जाती है जो फागुन और चैत्र मास तक रहती है। वसंत ऋतु में न अधिक गर्मी होती है, न अधिक ठंड होती है। पवन में मादकता घुली होती है। टेसू, सेमल, गस्ती, तेंदू, चार, मउहा, सरसों से लेकर आम की मौर भी इसी ऋतु में बौराने लगती है। वसंत को कामदेव का पुत्र भी माना गया है। जीव-जंतुओं और कीट-पतंगों के लिए भी यह ऋतु वंश वृद्धि की ऋतु होती है। कवियों की कलम-कोकिला भी इस ऋतु में कूक उठती है। आज हम छत्तीसगढ़ के उन कवियों की कविताओं की एक झलक आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं जिन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा में वसंत ऋतु को चित्रांकित किया है। प्रत्येक कवि की कविताओं का यदि उल्लेख किया जाए तो वसंत ऋतु पर एक विशेषांक के रूप में एक ग्रंथ तैयार हो जाएगा किन्तु इस आलेख में हर कवि की कविता का उल्लेख करना संभव नहीं होगा अतः उनकी कविताओं की कुछ पंक्तियों का ही उल्लेख किया जा रहा है। इस आलेख में पचास के दशक से लेकर वर्तमान समय के प्रतिनिधि कवियों की कविताओं तथा छन्दों की झलक दिखाने का प्रयास किया गया है –

वसंत का वर्णन करते हुए कवि प्यारेलाल गुप्त कहते हैं –
फुलथे टेसू जूही नेवारी मौर आम बइहा होथे
भँवरा गुनगुन करके उड़थे कोइली अपन सुनाथे तान।

जनकवि कोदूराम “दलित” सुख के दाता वसंत की तुलना साधु-संत से करते हुए कहते हैं –

हेमंत गइस जाड़ा भागिस, आइस सुख के दाता बसंत
जइसे सब-ला सुख देये बर आ जाथे कोन्हो साधु-संत।।
बड़ गुनकारी अब पवन चले, चिटको न जियानय जाड़ घाम
ये ऋतु-मा सुख पाथंय अघात, मनखे अउ पशु-पंछी तमाम।।

कवि द्वारिकाप्रसाद तिवारी विप्र पृथ्वी ही नहीं बल्कि आकाश पर भी वसंत का प्रभाव देखते हैं –

जब जाड़ हर जीव लुकाथे तब बइहर बसन्त अमाथे
जब टेसू फूल ललियाथे तब बइहर बसन्त अमाथे
पिरथी अगास अउ पानी, इन सबके जगिस जवानी
जड़ चेतन दुन्नों मातिन अउ कोइली मन बनिन सुवासिन।।
जब रंग अनंग जमाथे, तब बइहर बसन्त अमाथे।।

महाकवि कपिलनाथ कश्यप कहते हैं –

जूड़ महमई पवन चलिस, हरियारी छागे
मधु ऋतु आइस नार बयार मा फूल लदागे
आमा मउरिन अमरैया मा भँवरा गूँजिन
जा जा के महमई फूल के रस ला चूमिन।।

कवि रघुवीर अग्रवाल “पथिक” सरसों, टेसू, बाग बगइचा के साथ-साथ गेहूँ की बाली की लहक को भी देखते हैं –

चहकै सरसों पींयर दहकै टेसू लाली लाली
महकै बाग बगइचा, लहकै खूब गहूँ के बाली
गरती आमा जइसे, हवा बसंती हर गदरा गे
उड़य गुलाल, नँगारा बाजे, फागुन राजा आगे।

वयोवृद्ध कवि श्यामलाल चतुर्वेदी के शब्दों में छत्तीसगढ़ी भाषा का लालित्य देखिए –

चटकन मारे कस चाँय चाँय, पनमिंझरा जाड़ नँदागे
कतको झन के कमरा डेढ़ी, छंपी मंझटूट धरागे।
चन्दा चकचक ले ऊगय, कइसन हे फिटिंग अँजोरी
ससपात नँगारा लेके अब, सब मता दिहिन हे होरी।

डॉ. नरेंद्र देव वर्मा इस मौसम में विरही मन की व्यथा को स्वर देते हुए कहते हैं –

महुआ हर फुलगे फागुन लगिगे, मोर रग रग मा कइसे होरी जरिगे
बरिस पहागे नइ आइस बदके, जी हर नइ बाँचे अतिक दुख सहिके।

मधुर कवि और गीतकार लक्ष्मण मस्तुरिया के इस गीत के बिना वसंत और फागुन रंगहीन ही लगेंगे –

मन डोले रे माघ फगुनवा रस घोरे रे माघ फगुनवा
राजा बरोबर लगे मउरे आमा, रानी सहीं परसा फुलवा।

हास्य व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर रामेश्वर वैष्णव अपनी विशिष्ट शैली में कहते हैं –

अइसे मजा आगे संगी होली तिहार के
डोकरा ह ग डोकरी ल बलाइस सीटी पार के।।

कवियत्री डॉ. निरूपमा शर्मा कहती हैं –

मौरे हे आमा के पेड़ पिंऊरी लिखे हे भाग
गमकथे अमरइया मन-मीत पाये हे ।
कोयली गावथे गीत, कमल मोहाये भौंरा
रात रात भर बंधे सुध खोये हे ।

कवि बद्रीविशाल परमानंद की बसन्त ऋतु पर एक बानगी –

मातगे हे परसा मात गेहे कउहा, मात गेहे आमा मोर मात गेहे मउहा
अरसी के झूल माते गहूँ के घूल माते, तिवरा के लाज गेहे रे, मात गेहे सरसों फूल, गन्धिरवा मात गेहे रे

छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति के संस्थापक कवि सुशील यदु की रचना –

अहा बसंत ओहो बसंत, कुंहुक कुंहुक कुंहकावत
आनंद ला बगरावत, बसंती संग मा आवत बसंत
अहा बसंत ओहो बसंत

धमतरी के कवि भगवती लाल सेन की कविता में बासंती दृश्य इस तरह जीवंत हो उठा है –

कोन गुदगुदावत हवय, जीव कुलबुलावत हवय
पवन सुरसुरावत हवय संगी। आगे बसंत बन मातंगी।
कोईली कुहकत हवे गोंसइया, झुमरे अस रेंगे किजरैया,
मउरे हय आमा अमरैया मने मन म हसे पुरवइया
दिखे नवा नेवरिया फुरफुन्दी । आगे बसंत बन मातंगी।

गंडई के कवि पीसीलाल यादव बासंती विरह का वर्णन कुछ इस प्रकार से करते हैं –

आगे ऋतु बसंत, तैंहा नई आए, केंवची करेजा ल काबर कल्पाए?
कुहु-कुहु कोयली, गावत हवय गाना, गाना गा-गाके, मारे मोला ताना।
परसा फूल बैरी आगी लगाए। आगे ऋतु बसंत, तैंहा नई आए।
कवि राजेश चौहान को इस मौसम में माटी चंदन-सी और धूल गुलाल-सी नजर आती है –

बसंत राज के सुवागत मा, लहरावत हे सुर्रा
माटी बने हे चंदन संगी, गुलाल बने हे धुर्रा

कवि गयाप्रसाद साहू “रतनपुरिहा” कहते हैं –

बसंती के सुवागत म कोयली हा कुहके
देखके भौंरा गुनगुनाय, मोरो मन बुदबुदाय
मोरो मन मोहा गईस बसंती म

नवागढ़ के छन्दकार रमेशकुमार चौहान रोला छन्द में कहते हैं –

चारो कोती छाय, मदन के बयार संगी ।
मउरे सुघ्घर आम, मुड़ी मा पहिरे कलिगी ।।
परसा फूले लाल, खार मा जम्मो कोती ।
सरसो पिउरा साथ, छाय रे चारो कोती ।।

एन टी पी सी कोरबा की छन्दकार आशा देशमुख
कुकुभ छन्द में कहती हैं –

भाँग मतौना धरे करे कस, बहत हवय जी पुरवाई।
रितुराजा के संग बितावै, गहदे हावय अमराई।

बलौदाबाजार के आशु-छन्दकार दिलीप कुमार वर्मा
घनाक्षरी छन्द में बसन्त का स्वागत करते हुए कहते हैं –

लग गे बसंत मास,रख जिनगी मा आस,
हावय महीना खास,मान एसो साल जी।।

बिलासपुर के छन्दकार इंजी. गजानंद पात्रे “सत्यबोध
का दोहा देखिए –

धरके नवा उमंग अब, आये हवय बसंत।
सबके मन मा छाय हे, खुशियाँ रंग अनंत।।

ग्राम डोंड़की (बिल्हा) के छन्दकार असकरन दास जोगी दोहा छन्द में कहते हैं –

माते फूल बसंत के,भँवरा मनवा भाय !
देखे ताके टेंड़ के, लाहो लेहे आय !!

बिलासपुर की छन्दकार श्रीमती वसन्ती वर्मा विरह वेदना को उल्लाला छन्द में ढालते हुए कहती हैं –

जोही हे परदेश मा,मन मा ताप हमाय जी।
सुरता मा तन-मन जरे,काबर बसंत आय जी।।

बाल्को के आशु छन्दकार जीतेन्द्र वर्मा “खैरझिटिया” का गोपी छन्द देखिए –

बसंती गीत पवन गाये। बाग घर बन बड़ मन भाये।।
कोयली आमा मा कुँहके। फूल के रस तितली चुँहके।।
करे भिनभिन भौरा करिया। कलेचुप हे नदिया तरिया।।
घाम अरझे अमरइया मा। भरे गाना पुरवइया मा।।

भाटापारा के छन्दकार अजय अमृतांशु
रोला छन्द में वसंत का चित्रण करते हुए कहते हैं –

आवत देख बसंत, फूल सेम्हर के फ़ूलय।
कपसा हा बिजराय,डार मा मुनगा झूलय।।
तिंवरा बटर मसूर, हाँस के करयँ ठिठोली।
झमकत हे राहेर,चना के खन खन बोली।।

गोरखपुर कवर्धा के छन्दकार सुखदेव सिंह अहिलेश्वर छवि छन्द में वसंत की छवि को उकेरते हुए कहते हैं –

आ गे बसंत। छा गे बसंत।।
कहि दिन तुरंत। कवि साधु संत।।

कबीरधाम के छन्दकार द्वारिका प्रसाद लहरे की सरसी छन्द में बानगी देखिए –

रितु बसंत दे बर आये हे,जन जन ला उपहार।
हँसी खुशी मा दिन कटही अब,सुख पाही संसार।।

सहसपुर लोहारा के छन्दकार बोधन राम निषादराज
त्रिभंगी छन्द में वसंत का वर्णन करते हैं कुछ इस तरह से –

परसा हा फुलगे,सेम्हर झुलगे,पवन बसंती,आय हवै।
आमा मउरागे,मन हरियागे,सरसो पिँवरी,छाय हवै।।

ग्राम लमही के युवा छन्दकार मयारू मोहन कुमार निषाद घनाक्षरी छन्द में कहते हैं –

कुहूँ कुहूँ कुहकत , कोयली हा डारा डारा ।
बसंत हा आगे कहि , सबला बतात हे ।।

भिलाई की छन्दकार नीलम जायसवाल रोला छन्द में कहती हैं –

ऋतु बसंत हे आय, हमर मन ला हरसाए।
बगरे हे चहुँ ओर, महक तन मा भर जाए।।

जुनवानी भिलाई की छन्दकार शुचि ‘भवि
ने छन्नपकैया छन्द में वसंत का वर्णन किया है –

छन्नपकैया छन्नपकैया,देखव सरसों फूले।
मनखे मन के मन हा भैया, बासंती बन झूले।।

राजिम की छन्दकार श्रीमती सुधा शर्मा की सार छन्द में एक बानगी देखिए –

आजा अमरैया मा जोही,जुड़ -जुड़ बइहर डोले।
राग -बसंती हवै सुनावत,कारी मधु रस घोले।।

रायपुर की छन्दकार डॉ. मीता अग्रवाल “मधुर” सार छन्द में कहती हैं –

मन मजूर मुस्काये दउड़े, जिनगी बसंत छागे।
दुमुड़ दुमुड़ दुम बाज नगाड़ा, मस्त महीना आगें।।

कोरबा की छन्दकार रामकली कारे के चौपाई छन्द में बसंत का एक दृश्य –

तन-मन मोर बसन्ती होवय। सखी मया मा सुध-बुध खोवय।।
वन-उपवन अति देखत भावय। जब-जब ऋतु बसंत के आवय।।

महासमुंद के छन्दकार श्लेष चन्द्राकर विष्णुपद छन्द में अपनी बात कहते हैं –

नवा नवरिया पंच तत्व हा, मन मा जोश भरे।
सुख मनखे ला बड़ देवइया, ऋतु मधुमास हरे।।

सुप्रसिद्ध रंगकर्मी व अभिनेता शिवकुमार दीपक जी की सुपुत्री कोरबा निवासी छन्दकार श्रीमती शशि साहू सवैया छन्द में वसंत का वर्णन करते हुए कहती हैं

जाड़ जनाय न घाम जरोवय आय हवे ऋतु राज सुहावना ।
अंग सरी पिंवराय दिखे जइसे दुलही भँवरावत आँगना ।

बिलासपुर की छन्दकार धनेश्वरी सोनी गुल सार छन्द में कहती हैं –

ऋतु बसंत आगे देखव जी, धरती सुंदर लागे।
मोर मयूरी झूमे नाचे, मया मोह हा जागे।।

रिसाली भिलाई के छन्दकार विजेन्द्र कुमार वर्मा सवैया छन्द में वसंत का चित्र खींचते हुए कहते हैं –

अब गावत गीत बसंत इहाँ अउ नाचत हे मँउहा मतवार।
सब झूमत हे सुन गीत बने खुशियाँ बरसावत रोज अपार।
खनके सरसों अरसी तिँवरा मउँरे अमुवा दिखथे मनहार।
पिँवरा पिँवरा तब पात झरे पुरवा झकझोर करे ललकार।

बरदा लवन बलौदा बाजार के छन्दकार मनोज कुमार वर्मा सुमुखी सवैया छन्द में बसन्त का चित्रण करते हुए कहते हैं –

नवा पतिया फर फूल लगे रुखवा बड़ गा ममहावत हे।
सजे धरती जस नेवरनीन सही सरसो ह लजावत हे।
मनात खुशी बइठे अमुवा नित डार म कोयल गावत हे।
बसंत बहार धरे सुन रंग म शारद ला परिघावत हे।।

■लेखक संपर्क-
■99071 74334

■■■ ■■■

विज्ञापन (Advertisement)

ब्रेकिंग न्यूज़

breaking Chhattisgarh

पॉक्सो एक्ट: यौन उत्पीड़न को साबित करने शारीरिक चोट दिखाना जरूरी नहीं

breaking National

भव्य नहीं, साधारण और पारंपरिक होगी गौतम अदाणी के बेटे जीत की शादी, Adani Group के चेयरमैन ने ये कहा

breaking Chhattisgarh

रायपुर पहुंचे 14 नक्सलियों के शव… पोस्टमार्टम से पहले पोर्टेबल मशीन से होगा एक्स-रे, कहीं अंदर विस्फोटक तो नहीं

breaking Chhattisgarh

पंचायत-निकाय चुनावों के लिए BJP-कांग्रेस ने प्रत्याशियों के तय किए नाम! इस तारीख तक पार्टियां कर देंगी ऐलान

breaking Chhattisgarh

नक्सली मुठभेड़ में जवानों को बड़ी कामयाबी, मुख्यमंत्री साय ने की सराहना, कहा- छत्तीसगढ़ मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त होकर रहेगा

breaking National

लव जिहाद को लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा का बड़ा बयानः बोले- हिंदू बेटियों को जागरूक होने की जरूरत, फ्रिजों में मिलते हैं लड़कियों के टुकड़े

breaking Chhattisgarh

चाइनीज मांझे से कटा बच्चे का गला, इलाज के दौरान मौत

breaking Chhattisgarh

महाकुंभ के लिए छत्तीसगढ़ से 8 स्पेशल ट्रेन : भक्तों की यात्रा आसान करने रेलवे ने लिया बड़ा फैसला, जानें स्पेशल ट्रेनों का शेड्यूल…

breaking international

TRUMP MEME Coin ने लॉन्च होते ही लगाई 300-500 फीसदी की छलांग, कुछ ही घंटों में निवेशकों को बनाया मालामाल, ट्रेडिंग वॉल्यूम लगभग $1 बिलियन तक पहुंचा

breaking Chhattisgarh

फरवरी में 27 लाख किसानों को धान का बोनस, रेडी टू ईट फिर महिलाओं के हाथ

breaking Chhattisgarh

3000 शिक्षकों की पुलिस से झड़प, प्रदर्शन के दौरान किया तितर-बितर, सस्पेंड होने को लेकर आक्रोश

breaking Chhattisgarh

विष्णु का सुशासन – पुलिस के साथ अन्य सरकारी भर्तियों में आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट से बढ़े युवाओं के अवसर

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में रोजगार के लिए अनुबंध, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा- हजारों छात्रों को दिया जाएगा प्रशिक्षण, रोजगार के अवसर होंगे उत्पन्न

breaking Chhattisgarh

विष्णु सरकार का कड़ा एक्शन… एक ही दिन में 9 अफसरों को किया सस्पेंड, ठेकेदार पर भी होगा एक्शन

breaking Chhattisgarh

कैटरिंग दुकान में 6 सिलेंडरों में धमाका, इलाके में मची भगदड़, 10 लाख का सामान जलकर खाक

breaking Chhattisgarh

मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्डिंग ऑन कर छिपा देता था लेडिज टायलेट में… पुलिस ने सफाई वाले को पकड़ा

breaking Chhattisgarh

भाजपा ओबीसी वर्ग को दबाने की कर रही साजिश, कांग्रेस से लगाया आरोप, सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप की लड़ाई जारी

breaking Chhattisgarh

पेशे से वकील, पार्टी के कर्मठ सिपाही… किरण सिंह देव का दोबारा छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनना तय

breaking Chhattisgarh

एक साल में करें बीएड, 10 साल बाद फिर से फिर से शुरू हो रहा यह कोर्स, लागू होंगी नई शर्ते, सिर्फ इन छात्रों को ही मिलेगा मौका

breaking Chhattisgarh

कौन हैं कवासी लखमा ? ईडी ने क्यों किया गिरफ्तार ? विपक्ष के हंगामे के बीच सीएम और डिप्टी सीएम की पहली प्रतिक्रिया

कविता

poetry

इस माह के ग़ज़लकार : डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’

poetry

कविता आसपास : तारकनाथ चौधुरी

poetry

कविता आसपास : दुलाल समाद्दार

poetry

ग़ज़ल : विनय सागर जायसवाल [बरेली उत्तरप्रदेश]

poetry

कविता आसपास : महेश राठौर ‘मलय’

poetry

कविता आसपास : प्रदीप ताम्रकार

poetry

इस माह के ग़ज़लकार : रियाज खान गौहर

poetry

कविता आसपास : रंजना द्विवेदी

poetry

रचना आसपास : पूनम पाठक ‘बदायूं’

poetry

ग़ज़ल आसपास : सुशील यादव

poetry

गाँधी जयंती पर विशेष : जन कवि कोदूराम ‘दलित’ के काव्य मा गाँधी बबा : आलेख, अरुण कुमार निगम

poetry

रचना आसपास : ओमवीर करन

poetry

कवि और कविता : डॉ. सतीश ‘बब्बा’

poetry

ग़ज़ल आसपास : नूरुस्सबाह खान ‘सबा’

poetry

स्मृति शेष : स्व. ओमप्रकाश शर्मा : काव्यात्मक दो विशेष कविता – गोविंद पाल और पल्लव चटर्जी

poetry

हरेली विशेष कविता : डॉ. दीक्षा चौबे

poetry

कविता आसपास : तारकनाथ चौधुरी

poetry

कविता आसपास : अनीता करडेकर

poetry

‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक व कवि प्रदीप भट्टाचार्य के हिंदी प्रगतिशील कविता ‘दम्भ’ का बांग्ला रूपांतर देश की लोकप्रिय बांग्ला पत्रिका ‘मध्यबलय’ के अंक-56 में प्रकाशित : हिंदी से बांग्ला अनुवाद कवि गोविंद पाल ने किया : ‘मध्यबलय’ के संपादक हैं बांग्ला-हिंदी के साहित्यकार दुलाल समाद्दार

poetry

कविता आसपास : पल्लव चटर्जी

कहानी

story

लघु कथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती

story

सत्य घटना पर आधारित कहानी : ‘सब्जी वाली मंजू’ : ब्रजेश मल्लिक

story

लघुकथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती

story

कहिनी : मया के बंधना – डॉ. दीक्षा चौबे

story

🤣 होली विशेष :प्रो.अश्विनी केशरवानी

story

चर्चित उपन्यासत्रयी उर्मिला शुक्ल ने रचा इतिहास…

story

रचना आसपास : उर्मिला शुक्ल

story

रचना आसपास : दीप्ति श्रीवास्तव

story

कहानी : संतोष झांझी

story

कहानी : ‘ पानी के लिए ‘ – उर्मिला शुक्ल

story

व्यंग्य : ‘ घूमता ब्रम्हांड ‘ – श्रीमती दीप्ति श्रीवास्तव [भिलाई छत्तीसगढ़]

story

दुर्गाप्रसाद पारकर की कविता संग्रह ‘ सिधवा झन समझव ‘ : समीक्षा – डॉ. सत्यभामा आडिल

story

लघुकथा : रौनक जमाल [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

लघुकथा : डॉ. दीक्षा चौबे [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

🌸 14 नवम्बर बाल दिवस पर विशेष : प्रभा के बालदिवस : प्रिया देवांगन ‘ प्रियू ‘

story

💞 कहानी : अंशुमन रॉय

story

■लघुकथा : ए सी श्रीवास्तव.

story

■लघुकथा : तारक नाथ चौधुरी.

story

■बाल कहानी : टीकेश्वर सिन्हा ‘गब्दीवाला’.

story

■होली आगमन पर दो लघु कथाएं : महेश राजा.

लेख

Article

तीन लघुकथा : रश्मि अमितेष पुरोहित

Article

व्यंग्य : देश की बदनामी चालू आहे ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

लघुकथा : डॉ. प्रेमकुमार पाण्डेय [केंद्रीय विद्यालय वेंकटगिरि, आंध्रप्रदेश]

Article

जोशीमठ की त्रासदी : राजेंद्र शर्मा

Article

18 दिसंबर को जयंती के अवसर पर गुरू घासीदास और सतनाम परम्परा

Article

जयंती : सतनाम पंथ के संस्थापक संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास जी

Article

व्यंग्य : नो हार, ओन्ली जीत ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

🟥 अब तेरा क्या होगा रे बुलडोजर ❗ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा.

Article

🟥 प्ररंपरा या कुटेव ❓ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा

Article

▪️ न्यायपालिका के अपशकुनी के साथी : वैसे ही चलना दूभर था अंधियारे में…इनने और घुमाव ला दिया गलियारे में – आलेख बादल सरोज.

Article

▪️ मशहूर शायर गीतकार साहिर लुधियानवी : ‘ जंग तो ख़ुद ही एक मसअला है, जंग क्या मसअलों का हल देगी ‘ : वो सुबह कभी तो आएगी – गणेश कछवाहा.

Article

▪️ व्यंग्य : दीवाली के कूंचे से यूँ लक्ष्मी जी निकलीं ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

25 सितंबर पितृ मोक्ष अमावस्या के उपलक्ष्य में… पितृ श्राद्ध – श्राद्ध का प्रतीक

Article

🟢 आजादी के अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. अशोक आकाश.

Article

🟣 अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. बलदाऊ राम साहू [दुर्ग]

Article

🟣 समसामयिक चिंतन : डॉ. अरविंद प्रेमचंद जैन [भोपाल].

Article

⏩ 12 अगस्त- भोजली पर्व पर विशेष

Article

■पर्यावरण दिवस पर चिंतन : संजय मिश्रा [ शिवनाथ बचाओ आंदोलन के संयोजक एवं जनसुनवाई फाउंडेशन के छत्तीसगढ़ प्रमुख ]

Article

■पर्यावरण दिवस पर विशेष लघुकथा : महेश राजा.

Article

■व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा.

राजनीति न्यूज़

breaking Politics

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उदयपुर हत्याकांड को लेकर दिया बड़ा बयान

Politics

■छत्तीसगढ़ :

Politics

भारतीय जनता पार्टी,भिलाई-दुर्ग के वरिष्ठ कार्यकर्ता संजय जे.दानी,लल्लन मिश्रा, सुरेखा खटी,अमरजीत सिंह ‘चहल’,विजय शुक्ला, कुमुद द्विवेदी महेंद्र यादव,सूरज शर्मा,प्रभा साहू,संजय खर्चे,किशोर बहाड़े, प्रदीप बोबडे,पुरषोत्तम चौकसे,राहुल भोसले,रितेश सिंह,रश्मि अगतकर, सोनाली,भारती उइके,प्रीति अग्रवाल,सीमा कन्नौजे,तृप्ति कन्नौजे,महेश सिंह, राकेश शुक्ला, अशोक स्वाईन ओर नागेश्वर राव ‘बाबू’ ने सयुंक्त बयान में भिलाई के विधायक देवेन्द्र यादव से जवाब-तलब किया.

breaking Politics

भिलाई कांड, न्यायाधीश अवकाश पर, जाने कब होगी सुनवाई

Politics

धमतरी आसपास

Politics

स्मृति शेष- बाबू जी, मोतीलाल वोरा

Politics

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हलचल

breaking Politics

राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा- मर्यादित भाषा में रखें अपनी बात

Politics

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने डाॅ. नरेन्द्र देव वर्मा पर केन्द्रित ‘ग्रामोदय’ पत्रिका और ‘बहुमत’ पत्रिका के 101वें अंक का किया विमोचन

Politics

मरवाही उपचुनाव

Politics

प्रमोद सिंह राजपूत कुम्हारी ब्लॉक के अध्यक्ष बने

Politics

ओवैसी की पार्टी ने बदला सीमांचल का समीकरण! 11 सीटों पर NDA आगे

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, ग्वालियर में प्रेस वार्ता

breaking Politics

अमित और ऋचा जोगी का नामांकन खारिज होने पर बोले मंतूराम पवार- ‘जैसी करनी वैसी भरनी’

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, भूपेश बघेल बिहार चुनाव के स्टार प्रचारक बिहार में कांग्रेस 70 सीटों में चुनाव लड़ रही है

breaking National Politics

सियासत- हाथरस सामूहिक दुष्कर्म

breaking Politics

हाथरस गैंगरेप के घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा, पढ़िए पूरी खबर

breaking Politics

पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना के बाद, पीसीसी चीफ ने जांच समिति का किया गठन