■राजिम मेला पर विशेष : केवरा यदु ‘मीरा’ [राजिम-छत्तीसगढ़].
♀ मोर संगी चलना
♀ केवरा यदु ‘मीरा’
चल संगी चलना राजिम मेला जाबो।
राजिम लोचन के दरस करि आबो।
मांघी पुन्नी आगे अऊ मेला भरागे
किसम किसम जिनिस ऊंहा आगे
संग मा बइठ के मोला रईचुली झुलादे
मऊत कुआँ आय हे वहू ला देखादे
होटल में गरम गरम भजिया खाबो ।
चल संगी चलना राजिम मेला जाबो।
राजिम लोचन मंदिर महानदी तीर मा
चरण ला धोबो ऊंखर निरमल नीर मा
दरस करे बर आथे देव धामी मंदिर मा
ईहां के धुर्रा ला लगा लेबो सिर मा।
पिड़िया परसाद लेके भोग लगाबो।।
चल संगी चलना राजिम मेला जाबो।
महानदी के बीच में कुलेश्वर भोला
दरसन ले ऊंकर तर जाथे चोला
दूध मा नहवाबो कहिके बम बम भोला
उही भोला हा खाथे भांग के गोला
बेल के पतिया अऊ नरियर चढ़ाबो।।
चल संगी चलना राजिम मेला जाबो।
राधा किसन मंदिर ऊंहो हमन जाबो
गायत्री माता के चरन में गोहराबो।
जगन्नाथ स्वामी के दरसन ला पाबो
गरीब नाथ मा जाके माथ ला नवाबो।
देवधामी के दरस के भाग ला जगाबो।।
चल संगी चलना राजिम मेला जाबो।
मोतीचुर के लाडू जलेबी घलो आय हे
रसगुल्ला आलूगुंडा समोसा बेचाय हे।
गुल्फी पेप्सी गली गली में मड़ाय हे
कुसियार के रस ऊंहा मशीन में पेराय हे
घूम फिर के फेर पंडवानी सुने जाबो।।
चल संगी चलना राजिम मेला जाबो।
टिकली फुंदरी अऊ चुरी पहिरादे
पांव बर बिछिया अऊ पायल लेवा दे
कान बर झुमका अऊ खिनवा बिसा दे
लाली के लुगरा अऊ पोलखा लेवा दे
मेंहदी वाला करा चलना मेंहदी लगवाबो।।
चल संगी चलना राजिम मेला जाबो।
भउजी आही अऊ भइया घलो आही
दीदी आही अऊ भांटो घलो आही
गोलू मोलूअऊ भोलू घलोक आही
डोकरी दाई डोकरा बबा मन आही
महानदी में डुबक डुबक के नहाबो ।।
चल संगी चलना राजिम मेला जाबो।
राजिम लोचन के दरस करि आबो।
चल संगी चलना राजिम मेला जाबो।
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