■अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष : अमृता मिश्रा ‘निधि’.
3 years ago
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♀ नारी
♀ अमृता मिश्रा ‘निधि’
[ भिलाई-छत्तीसगढ़ ]
त्याग, दया, ममता का तूने
जग को पाठ पढ़ाया है।
क्या होता बलिदान हमेशा
हम सबको सिखलाया है।।
आदर्शों का एक नया तू
विद्यालय बन जाती है।
नारी तुम केवल श्रद्धा हो
सृष्टि समूची गाती है।।
तुम जो गाती गीत सभी वो
मौन समर्पण वाले हैं।
अँधियारों को दूर भगाकर
तूने किए उजाले हैं।।
तेरी श्रद्धा की उपमा में
कोई शब्द न पाए हैं।
तेरा दृढ़ विश्वास देखकर
जग ने शीश झुकाए हैं।।
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