■पर्यावरण दिवस पर विशेष कविता : सुनीता अग्रवाल.
♀ वृक्षारोपण
कर्तव्य है सबका यह
अधिक से अधिक हम
करें वृक्षारोपण॥
अपनी धरती को बचाए।
मिल कर हम सभी
अपनी धरती को
हरीतिमा युक्त करें!
चारों ओर हरियाली लाने में,
प्रकृति को स्वच्छ और
सुंदर बनाने में,
इसके अस्तित्व को
बरक़रार रखने में
पूर्ण सहयोग दे!
अधिक से अधिक
पेड़ हम लगाए।
सच है यह ,वृक्ष है तो हम है।
वृक्षों से ही जीवन है!!!!
वृक्ष लगाए ! वृक्ष बचायें!
प्रकृति से है प्यार मुझको
सादगी पवित्रता भाती सबको।
स्वच्छ सुंदर वातावरण
भाता सबको।
सबके स्वास्थ्य के लिए
हितकर भी तो
प्रण लें देखभाल
क़रे हम इसकी।
स्वार्थ को त्याग
वृक्षों के कटाव की
रोकथाम अब हमें करनी होगी।
पर्यावरण को स्वच्छ ,
सुंदर बनाने का
इसको बचाने का
दृढ़ संकल्प हमें
अब लेना है।
अधिक से अधिक
पेड़ पौधे वृक्ष लगा
एक सुंदर ओर हरभरा
ये जहाँ बनाना होगा!
पेड़ है तो जीवन है।
अन्यथा विनाश ही विनाश है,
जल्द ही यह समझना होगा॥
■कवयित्री संपर्क-
■76774 57423
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