■पर्यावरण दिवस पर विशेष एक छोटी कविता : उज्ज्वल प्रसन्नो●
2 years ago
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♀ एक बूंद पानी के लिए
एक पौधा बाट जोह रहा
एक बूंद पानी के लिए ।
एक पौधा नहीं जानता
क्या क्या करता है आदमी पानी के लिए ।
आदमी-आदमी का नहीं पानी के लिए
फिर भी व्यर्थ बह रहा पानी लापरवाही से ।
व्याकुल तरस रहा नन्हा पौधा
एक बूँद पानी के लिए ।।
■कवि संपर्क-
■94241 22246
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