कवि और कविता : रमाकांत छत्रसाल बडारया.
🌸 स्वस्थ रहने की करो तैयारी
– दुर्ग [छत्तीसगढ़]
स्वास्थ्य पर
दूषित प्रदूषित वायु का
पड़ता गहरा असर है
क्या तुमको इसकी खबर है
आज हम सब मिलकर
वायु मंडल को दूषित प्रदूषित होने से बचाये
अपना मानवीय धर्म निभायें
साधन जुटायें कानून बनायें
और लोगों में चेतना जगायें।
सोख लेते हैं जो
दूषित प्रदूषित वायु
जहरीली हानिकारक गैंसे
देते हैं हमें हमेशा जो
ताजी जीवन दायनी हवायें
निरंतर कटते हुए वृक्षों को
कटते हुए बियावान वनों को
कटने से बचायें
काटने वालों को सबक सिखायें
अपना मानवीय धर्म निभायें
गाँवों में और शहरों में
अपने घरों के आसपास
सड़कों, तालाब नदिया, किनारे
फलदार छायादार वृक्षों की
लम्बी लम्बी कतारें लगायें
स्वच्छ निर्मल ताजी
जीवन दायनी हवाओं का
साधन जुटायें
अपना मानवीय धर्म निभायें
योजनाएं बनाये कानून बनायें
लोगों में चेतना जगायें।
स्वास्थ्य पर
दूषित प्रदूषित जल
डालता गहरा असर है
क्या तुमको इसकी खबर है
आओ हम सब मिलकर
जल के सभी
प्राकृतिक संसाधनों जल श्रोतो
मानव निर्मित जल श्रोतो
नदियों तालाबों झरनों बाधों को
दूषित प्रदूषित होने से बचायें
जो हमें देते हैं पीने और
नाने के लिये निर्मल जल
इनमें कल कारखानों का
केमिकल युक्त दूषित जल
मिलने से रोकें
मिलाने वालों को
कानून के दायरे में लायें
उनको सबक सिखायें
योजनाएं बनायें कानून बनायें
अपना मानवीय धर्म निभायें
सजग रहें चेतना जगायें।
कहो हमारी कथनी करनी में
कभी भी कोई अंतर न रहे
नदियों के बहते हुए जल में
जल श्रोतो में
वायुमंडल की
बहती हुई हवाओं में
जहर घुले जहर बहे
आओ हम सब मिलकर
एक सार्थक अभियान चलायें
अपनी भावी पीढ़ी को
ताजी निर्मल वायु
शुद्ध निर्मल जल का
हकदार बनायें
मानव को जीवों को
असमय मौत से बचायें
भटके लोगों को राह दिखाएँ
वृक्षों और वनों के
महत्व को समझे
लोगों को समझायें बच्चों को
इनकी कहानियाँ सुनायें
उनको बतायें
वृक्ष हैं तो जंगल हैं वन हैं
वन हैं तो वर्षा है
वर्षा है तो जल है
जल है तो हरियाली है
जल है तो जीवन है
जल और वायु से खिलवाड़
भूल पड़ न जाये भारी
शुद्ध वायु शुद्ध जल से
कर लो यारी
स्वस्थ कतरने की रमाकांत
कर लो तैयारी।
[ •शंकर नगर दुर्ग निवासी रमाकांत छत्रसाल बडारया की पहली रचना ‘ छत्तीसगढ़ आसपास ‘ में प्रकाशित हो रही है. •आप बैंकिंग में वरिष्ठ प्रबंधक से सेवानिवृत हो चुके हैं. •विभिन्न पत्र – पत्रिकाओं एवं आकाशवाणी से कविता प्रकाशित/प्रसारित होते रहती है. •प्रकाशन काव्य कृति ‘ क्रांति दूत ‘ •कई सम्मानों से सम्मानित रमाकांत छत्रसाल बडारया, दुर्ग जिला हिंदी साहित्य समिति से जुड़े हैं.
– संपर्क : 99265 29074 ]
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