होली विशेष : डॉ. प्रेमकुमार पाण्डेय
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🌸 होली आ गई…
– डॉ. प्रेमकुमार पाण्डेय
[केंद्रीय विद्यालय, वेंकटगिरि, आंध्रप्रदेश]
डाल- डाल फूल खिले
धरती अघा गई
हवा चली इत्र डाल
फागुन को भा गई|
पीली चुनर ऐसी फहरी
महुआ लजा गई
डगर मगर भांग डोले
बौर बौरा गई|
भगवा मुरैना बांध
टेसू भरमा गई
कचनार से नयन मिले
मौलश्री गदरा गई|
गुंजन ने फाग गाया
सबको लुभा गई
डाल- डाल कली खिली
यौवन ढरका गई|
पियु- पियु टेर सुन
कोयल पगला गई
प्रात- संझा दोनों मिल
फाग गाने आईं|
गेंदा गदेली रंगे
हवा पकड़ा गई
झूमी-झटकी भागी- दौड़ी
फिर भी रंगा गई|
मोहन के गाल रंगे
राधा नहा गई
जगत भया राधा- मोहन
रंगवा रंगा गई|
मन पर अब जोर नहीं
भाव-नदी उफना गई
बन्द मन झट खोलो
होली अब आ गई|
•डॉ.प्रेमकुमार पाण्डेय
•संपर्क –
•98265 61819
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