नव वर्ष : डॉ. प्रेमकुमार पाण्डेय [ केंद्रीय विद्यालय वेंकटगिरी, आंध्रप्रदेश ]
2 years ago
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कोयल प्रवास से लौटी
आम बौराया
हवा मदमाती
तरबूज के ओंठ ललाए
कच्ची उमर में ही
खरबूज के हाथ पियराए
नींबू का मन खटाया
सूरज दादा की आग भड़की
विस्फारित नयन
बच्चों ने
निशाना साधा
दांत कठुआए
नीम कड़वाहट भूला
कोंपलों के हाथ हिले
चिड़िया ने तिनका धरा
प्रकृति मुस्कराई
शक्ति का संधान हुआ
चैत्र के स्वागत में
मौलश्री बिछी
डाल-डाल का मन हरसाया
लो नववर्ष आया।
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