कविता आसपास : प्रियंका यादव
🌸 औरत चीज नहीं होती
कुछ चीजों को
इस तरह
रखा जाता है
जैसे वह फेंकी गई हो
और
कुछ चीजों को
इस तरह फेंका जाता
जैसे वह रखी गई हो
जैसे ..घर की औरतें
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🌸 नशा
पेड़ पानी नहीं
शराब पीता होगा
तभी किताबों में
इतना नशा है।
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🌸 संदेशों इतना कहियो
उस तक
अपना संदेश पहुंचाने के लिए
कविता को कबूतर बनाया
हमें ख़बर है..
वो हर चीज़ को नज़रअंदाज़ करता है
परिंदों को नहीं
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[ •प्रियंका यादव प्रगतिशील विचारधारा की नवोदित रचनाकार है. •छत्तीसगढ़ प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा आयोजित कविता प्रतियोगिता में प्रियंका यादव ने प्रथम स्थान प्राप्त किया था. •हाल ही में ‘ प्रलेसं ‘ भिलाई – दुर्ग ने ‘ नवोदित रचनाकारों के लिए काव्यपाठ का आयोजन ‘ मैत्री विद्या निकेतन रिसाली ‘ में किया था, यहाँ कुशल संचालन प्रियंका यादव ने किया. •प्रियंका यादव शासकीय वि. या. ता. स्व. स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग की शोधार्थि हैं. •’ छत्तीसगढ़ आसपास ‘ में प्रियंका यादव की पहली रचना.. – संपादक.
•संपर्क – 73896 71089 ]
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