






कविता आसपास : ‘ एहसास ‘ – रंजना द्विवेदी [ रायपुर छत्तीसगढ़ ]

1 year ago
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एहसास,
बीते हुए पलों की
जज़्बात लिखा है
कविता नहीं
मैने अपना
एहसास लिखा है
कभी कठिनाइयों के दिन
कभी सुकून भरी
रात लिखा है
कविता नहीं
मैने अपना
एहसास लिखा है
अपनी जीत और
अपनी हार का
पैगाम लिखा है
कविता नहीं
मैने अपना
एहसास लिखा है
कभी भावों की अभिव्यक्ति
कभी मौन का
प्रवाह लिखा है
कविता नहीं
मैने अपना
एहसास लिखा है
शारदीय कालीन धूप
की नमी तो
कभी उष्णता का
भाव लिखा है
कविता नहीं
मैने अपना
एहसास लिखा है
कभी जीवन के
ताने बाने की रंजिश
तो कभी मिथ्या
आरोप लिखा है
कविता नहीं
मैने अपना
एहसास लिखा है
आंखों से बहते पानी
और दिल के दर्द को
दफन करने का
अंदाज लिखा है
कविता नहीं
मैने अपना
एहसास लिखा है
बिखरे उन पलों को
बुनकर मैने
एक किताब लिखा है
कविता नहीं
मैने अपना
एहसास लिखा है,,,,,,
•संपर्क –
•97557 94666
chhattisgarhaaspaas
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