ग़ज़ल, पिया के साथ जो सपना सजाया मिले हम तो हकीकत हो गयी है – डॉ. मधु त्रिवेदी, आगरा-उत्तरप्रदेश
4 years ago
681
0
पिया के साथ जो सपना सजाया
मिले हम तो हकीकत हो गयी है
रखे हम व्रत करवाचौथ का जब
मुहब्बत की नफ़ासत हो गई है
लगी पिय नाम की ऐसी लगन तो
बहुत ज्यादा मुसीबत हो गई है
रहे दिन औ न निशि में चैन हमको
दिवस बीते न शामत हो गई है
लिखी है जो पिया के नाम पाती
मिले प्रियवर अज़ीयत हो गई है
छिपाया फूल बुक में आपने जो
मिला माँ को नदामत हो गई है
बिमारी इश्क की हमको लगी जो
मिलन अपने इबादत हो गई है
नफ़ासत-पवित्रता
अज़ीयत-निश्चय
नदामत-लज्जा
●कवयित्री संपर्क-
●94126 52484