• poetry
  • रचना आसपास : पल्लव चटर्जी

रचना आसपास : पल्लव चटर्जी

1 year ago
317

▪️
फैसला सुरक्षित रखा है
– पल्लव चटर्जी
[ भिलाई, जिला- दुर्ग, छत्तीसगढ़ ]

सर्दी वक्त पर आकर लौट गया
वसंत ऋतु की राजसी रथ
अभी भी पीछे है क्योंकि
पलाश,सेमल, कृष्णचूड़ा का
स्वागत -शृंगार अधुरा सा है
पंखुड़ियां म्लान मुखी सी लग रही है
हर्षोल्लास में नवोन्मेष का प्रकटीकरण भी नहीं
कोयल की आवाज की मिठास में
है पीड़ा का आभास
किन्तु ऐसा क्यों?
किसलिए ये चिंतनीय परिवर्तन?
तो क्या सचमुच जंगल अपना दायित्वबोध भुल गए
इंसान के बदलते स्वरूप को देखकर ?
इस संबंध में तुरंत कुछ कहना समीचीन न होगा
खोज जारी है,
वक्त ने फैसला सुरक्षित रखा है
थोड़ा इंतजार करना होगा।

• संपर्क-
• 81093 03936

🟥🟥🟥🟥🟥🟥

विज्ञापन (Advertisement)

ब्रेकिंग न्यूज़

कविता

कहानी

लेख

राजनीति न्यूज़