18 दिसंबर, जयंती के पुनीत अवसर पर
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●जय हो गुरु घासीदास
-डॉ. माणिक विश्वकर्मा’नवरंग’
सतनाम के बगराए प्रकाश
जय हो,जय हो,गुरु घासीदास
बाढ़त हे दुनिया में व्यभिचार
चोरी हिंसा अउ अत्याचार
तोर किरपा ले रुकही विनाश
लड़ जाबोन हिंसा के खिलाफ़
मैत्री के रद्दा होही साफ़
छूना नइ हे मदिरा अउ मांस
चिरई-चिरगुन ला देबो छाँव
जुरमिल के खाहीं पीहीं गाँव
कपटी मन के हो जाही नाश
●लेखक संपर्क-
●7974850694