बाल गीत, नन्हे राही -डॉ. बलदाऊ राम साहू
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पूछ रहा था मुझसे नानू
चाँद कहाँ से आया होगा
औ’ सितारों को आसमाँ में
जाने कौन फैलाया होगा।
रोज सवेरे पूरब में ही
सूरज कैसे आ जाता है
और शाम को जाने क्यों वह
पश्चिम में ही सो जाता है।
जाने कैसे सीखा होगा
कोयल ने यह नया तराना
औ’ पंछी से पूछें तो हम
कैसे वे सीखे हैं गाना।
कैसे दिशा बदलती होगी
शीतल पवन और पुरवाई
इन पहेलियों को बूझ कर
चतुर कहाएँ नन्हे राही।
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